अपने राजा बेटा की चुदाई
पता नहीं उस दिन मम्मी को क्या हो गया कि वह अचानक मुझे चोदने पर उतर आए। उस रात में हर रात की तरह मियां खलीफा की चुदाई देखकर मुट्ठ मार कर मजे में सो रहा था। तभी अचानक मम्मी मेरे कमरे में आ गई और मेरी जांघों को छूने लगी और मेरे लंड पर हाथ मारने लगी।
मेरा नाम विजय है और यह मेरी Maa Beta Sex Story है। जिसे मैं इस वेबसाइट के साथ साझा कर रहा हूं ताकि उसे लाखों लोग पढ़ सके। मैंने भी मजे लिए अब आप लोग भी थोड़े मजे ले लो मेरी अंतर्वासना कहानी पढ़कर।
तो कहां था मैं, हां याद आया,
मुझे अचानक कुछ बहुत ही अच्छा सा फील हुआ और मेरा लंड बहुत ही ज्यादा गर्म महसूस कर रहा था। तभी अचानक मेरी आंखे खुल गई और मैंने यह देखा मम्मी मेरे सामने बैठी हुई है और मेरी जांघों पर हाथ मार रही है।
उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि वह अपने राजा बेटा की चुदाई करने पर उतरी हुई हैं।
मम्मी मुझे बहुत ही ज्यादा परेशान दिख रही थी तो मैंने पूछा – क्या हुआ मम्मी!
मम्मी बोली – क्या तुम मुझसे प्यार करता है!!
मैंने कहा – हां यह कैसा सवाल है मैं आपसे बहुत ज्यादा प्यार करता हूं!!
यह बात सुनते ही उन्होंने मुझे गले लगा लिया और मैंने भी मम्मी को जोर से गले लगाया। मैं अक्सर मम्मी को गले लगाता था लेकिन उस रात कुछ अलग ही महसूस हो रहा था।
मम्मी ने मुझे बहुत जोर से गले लगा रखा था और उनके बड़े बड़े बूब्स मेरे सीने से चिपके हुए थे। उनके बूब्स की फीलिंग की वजह से मेरा लंड खड़ा हो रहा था। ऐसा मेरे साथ कभी नहीं हुआ लेकिन उस रात है यह सब कुछ हो रहा था।
और मम्मी भी मेरे गले को चूम रही थी और मुझे पीठ पर अपने हाथों से सोहरा रही थी। वह मुझे अपने दोनों हाथों से इधर-उधर सोहरा रही थी और मेरे गले को मेरे कान को मेरे गालों को चूमे जा रही थी।
मैं समझ गया मम्मी क्या चाहती थी और मैंने कुछ भी रिएक्शन नहीं दिया। क्योंकि मुझे यह बात समझ में आ गई थी मम्मी को शारीरिक संतुष्टि चाहिए।
क्योंकि मेरा बाप कैसी औरत के साथ भाग गया था और तब से मेरी मम्मी अकेली है आखिर वह भी तो इंसान है उनकी भी शारीरिक जरूरतें हैं।
तो मैंने इस बात पर कोई रिएक्शन नहीं दिया जिससे माहौल खराब हो और चुप चाप जो चल रहा था वह चलने दिया।
फिर मम्मी ने मेरे दोनों कानों को चूमा मेरे माथे को चूमा फिर वह मेरे होंठ को चूमने लगे। पहले तो यह सब बहुत ही अजीब सा लग रहा था लेकिन बाद में मजा आने लगा।
वह मेरे एक होठ को अपने दोनों होठों से चुम रही थी और मेरी जबान को चूस रही थी।
मैंने अपनी जुबान बाहर निकाल रखी थी और मम्मी उसे चूसे जा रही थी वह मुझे बहुत ही जोर जोर से चूम रही थी जैसे उनके अंदर कितनी ज्यादा गर्मी भड़ी हो।
फिर मम्मी ने मुझे लिटा दिया और मेरी कच्छी उतार दी। वह मेरे लंड को सराहनीय लगी और कुछ ही देर में उसकी मुट्ठ मार मार कर उन्होंने मेरे लंड को खड़ा कर दिया।
मेरा लंड डंडे की तरह खड़ा था और फिर मम्मी ने उसके ऊपर अपना थूक लगाया और मेरे लंड के ऊपर धीरे से बैठ गई।
मम्मी – आ आ अहह आ आ अहह ऊह अहह
उनकी आवाजों से और चेहरे के हाव भाव से पता लग रहा था कि उन्हें बहुत ही ज्यादा संतुष्टि और आनंद मिल रहा है।
फिर मम्मी ने धीरे-धीरे मेरे लंड के ऊपर कूदना चालू कर दिया और बहुत ही जल्द वह मेरे लंड की सवारी करने लगी। वह मेरे लंड के ऊपर बहुत जोर जोर जबरदस्त तरीके से कूद रही थी।
और मम्मी मेरी जबरदस्त चुदाई कर रही थी जिसमें मुझे प्रचंड वासना आनंद मिल रहा था। फिर मम्मी ने मेरे दोनों हाथों को पकड़ा और अपने चुचियों के ऊपर रख दिया।
और जबरदस्ती मेरे हाथों को पकड़कर अपने बूब्स को दबाने लगी। मैं जोर-जोर से मम्मी के बड़े बड़े बूब्स को दबा रहा था और मम्मी मेरी जबरदस्त तरीके से चुदाई कर रही थी।
फिर कुछ ही देर में मम्मी को चरम सुख की प्राप्ति होने वाली थी और मेरा भी झड़ने वाला था। जैसे ही मेरा झड़ने वाला था मम्मी ने अपनी चूत बाहर निकाली और अपना सारा माल मेरे मुंह पर झाड़ दिया।
वह मेरे मुंह के ऊपर बहुत जोर जोर से अपनी चूत को रगड़ने लग गई थी फिर कुछ ही देर बाद उनको बहुत जोर से संतुष्टि मिली। उनके चेहरे पर एक अलग ही तरह की खुशी थी और एक संतुष्टि दिख रही थी।
वह चुपचाप मेरी बाहों में सो गई फिर। इसके बाद से मैंने अपनी मम्मी को हर रात खुशी देने का फैसला किया।
और हमारा यह मां बेटा वाला प्यार ऐसे ही हर हाथ चलता रहा।।।