रेल्वे रिटायरिंग रूम मे चूदाई – 2
उसके तने हुये निप्पल साफ नजर आ रहे थे। मुझे उसकि योनि कि हल्किसि मादक गंध आने लगि। उसकि योनि पर पेंटी के उपर से हि किस किया वो थरथरा सि गई।
अभि तक आपने रेल्वे रिटायरिंग रूम मे चूदाई – 1 मे पढा कि कैसे मीताली और मेरे बिच मौसम बना पर ऐन समय पर मिताली और मुझे रुकना पडा, और हमारे बसपन की चुदाई प्यास वही रुक गई, अब आगे।
मैने उसि रात दस बजे मितालि के मोबाइल पर फोन किया उसने बताया वे लोग अभि हि पहुंचे है, रास्ते मे ढाबे मे खाना खाने रुक गये थे। उसने पुछा ठाने कब आ रहे हो? मैंने कहा जब तुम कहो। उसने बताया उसकि स्कुल सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक रहति है। वो एकाध घंटा और लेट रह सकति है। याने स्कुल वाले दिन सुबह 9 से 4 बजे तक हम कहि भि मजे कर सकते है।
हमने अगले शुक्रवार का प्रोग्राम बनाया। ठाने मे कोई अच्छा सा होटेल लेकर मजा करने का ईरादा था। मैने आपनी वाइफ से कह दिया था कि शुक्रवार मुझे कुछ ऑफिस के काम से ठाने जाना है। नासिक से सुबह 6 बजे एक ट्रेन चलति है जो 9।30 बजे ठाने पहुंचति है।
ग़ुरुवार कि रात मुझे निंद हि नहीं आ रही थि, उसकी याद में Train Sex Story पढ़ रहा था और अपनी रेल्वे रिटायरिंग रूम में हुई कामुकता को याद कर रहा था। बार बार बस मितालि का हि खयाल आ रहा था। मै बहोत गरम होता जा रहा था। सुबह मेरि पत्नि ने मुझे उठाया और उसे देख मै अपना आपा खो बैठा। मेरि पत्नि भि बहोत खुबसुरत है। मैने अपने दोनो हाथो से उसके बालो को अपनि और खिंचा और अपने उपर ढेर कर लिया।
उसके बदन पर मेरे हाथ चलने लगे। वो भि गरम हो गई और एक गरम चुदाई शुरु हो गई। 7 मिनट कि चुदाई मे हि मेरि पत्नि ने दो बार अपना पानि छोड दिया। और फिर मै भि अपना आपा खो बैठा और जोरदार पिचकारि से अपना पानि उसकि गर्म चूत मे भर दिया। फिर वो मुझे जल्दि तैयार होने को कह कर चलि गई। पत्नि कि लेने कि वजह से मेरि उत्तेजना भि थोडि कम हुई और अब मै मितालि से ज्यादा देर तक सम्भोग कर सकता था।
मै 9:30 बजे ठाने पहुंचा और मुझे खयाल आया कि रेल्वे के रिटायरिंग रूम भि होते है। मैंने स्टेशन मास्टर से मुलाकात कि और एक वातानुकुलित डबल रूम ले लिया। मैंने मितालि से स्टेशन आने को कहा वो 10 मिनट मे स्टेशन पहुंच गई। मितालि को देखते हि मैने उसे अपनि बाहों मे भर लिया उसने कहा अरे छोडो सब देख रहे है ये सब रूम मे करना। उसे लेकर मै रूम मे आ गया।
रूम का दरवाजा बंद करके मैंने उसे देखा, उसने गहरे निले रंग कि साडि और सफेद ब्लाउज पहन रखा था, जो उसकि स्कूल के टिचर्स कि उनिफ़ोर्म थि। मैने आगे बढकर उसे बाहो मे भर लिया। पांच मिनट तक हम युन्हि लिपटे खडे रहे। फिर उसने धिरे से मुझे अलग किया और अपना बेग लेकर वाशरूम मे चलि गई।
10 मिनट बाद जब वो वापस आइ, तो जैसे कयामत आ गई। उसने पिले कलर कि माईक्रो स्कर्ट और लाल कलर कि टि–शर्ट पहनि हुई थि। एक्दम सेक्स बोम्ब लग रहि थि। ये कपडे वो अपने बेग मे डालकर लाइ थि। उसने अपने बालो को खोल लिया था। स्कर्ट उसकि जांघो तक आ रहि थि, निचे उसकि सुडौल पिंड्लिया और करारे पैर नजर आ रहे थे।
टि–शर्ट उसकि नाभि के उपर थि। उसकि लंबवत सेक्सि नाभि बडि कमसिन लग रहि थि। उसके उपर उसके 36-ब के उरोज कयामत ढा रहे थे।
मैने अपनि बाहे फैलाई और वो दौडकर मेरि बाहो मे समा गई। हम लगभग 5 मिनिटो तक ऐसे हि खडे रहे। मै उसके गर्दन को चुम रहा था। मेरे दोनो हाथ उसकि पिठ, कमर और नितम्बो पर फिर रहे थे। अब मै उसकि कानों कि लौ को अपने दांतो से चुभलाने लगा और वो कसमसाने लगि। उसने अपना एक पैर उठा लिया और उपर से सि मुझमे समाने कि कोशिश करने लगि। मैने अपने अधरो को उसके अधरो पर रख दिया। दोनो परस्पर चुम्बनो का आदान प्रदान करने लगे। मैने अपनि जिभ उसके मूह मे डाल दि जिसे वो लोलिपॉप कि तरह चुसने लगि। अगले पांच मिनट हम एक दउसरे कि जिभ चुस रहे थे।
मैंने उसके नितम्बो को अपने दोनो हाथ से पकड कर उसे उठा लिया, उसने अपनि दोनो टांगो को मेरि कमर पर लपेट लिया और वैसे हि हम किस करते हुये बिस्तर कि तरफ बढने लगे। मैने उसे धिरे से बिस्तर पड़़ लिटाया। लिटाने से उसकि स्कर्ट और उपर हो गई और मुझे उसकि कालि पेंटि कि हलकि सि झलक मिलने लगि। मैने अपने हाथ उसके पिछे से निकाले और उसके बालो को सहलाने लगा। मै उसके माथे, गालो और गर्दन पर किस करने लगा। निचे आते आते मैने टि–शर्ट के उपर से हि उसके गोल मांसल उरोजो को भि किस किया, उसने ब्रा शायद बाथरूम मे हि उतार दि थि।
उसके तने हुये निप्पल साफ नजर आ रहे थे। मैने उपर से हि दोनो नीप्पलो को हल्के से किस किया और फिर अपनि जिभ उसके नाभि पर रख दि। उसे जैसे करंट सा लगा। मै अपनि जिभ उसकि नाभि मे घुसाने लगा। अब वो मेरे बालो को पकड कर खिंच रहि थि।
अब मै नाभि से और निचे कि ओर किस करते हुये उतरने लगा। जैसे हि मैने उसकि योनि पर पेंटी के उपर से हि किस किया वो थरथरा सि गई। मुझे उसकि योनि कि हल्किसि मादक गंध आने लगि। उसका काम्रस निकलने लगा था। अब मै उसकि गोरी मांसल जांघो को किस करता हुआ निचे कि ओर बढने लगा। मैने बारि बारि उसके दोनो पैरो को हर जगह चुमा। एकदम चिकने पैर थे। बालो का एक रोया भि नहि था। मीताली पुरि तैयारि के साथ आइ थी।
मैने महसुस किया कि वो धिरे धिरे गरम होति जा रहि है। मैंने उसका स्कर्ट उपर किया और निचे कालि पेंटि मे कैद हुस्न कि फांके नजर आने लगि। वो शर्माकर अपनि स्कर्ट निचे करने लगि। लेकिन मैने अपने हाथो से उसके हाथो को पकड लिया और अपने अधरो को उन फांको पर रख दिया। वो एकदम से तडफि।
मै अपना मूह उसकी दरारों पार चलाने लगा। मैने महसुस किया कि उसकि पेंटि गिलि हो रहि है। कालि पेंटि होने के कारन धब्बा तो नजर नहि आ रहा था पर गिले होने का अहसास हो रहा था। मैने पेंटि कि साइड से अपनि एक उंगलि अंदर डालि और उसकि योनि कि दरार पर घुमाने लगा। अब मुझे रहकर नहि हो रहा था जल्द से जल्द मै उसके हुस्न के दिदार करना चाह रहा था।
मैने अपने दोनो हाथो से उसकि पेंटि कि इलास्टिक पकडि और उसे निचे खिचने लगा। वो मेरा हाथ पकडने लगि, लेकिन आखिर जीत मेरि हुई और उसकि पेंटि उसके दोनो पैरो से होति हुई आझाद हो गई। मैंने एक बार उसकि पेंटि को जोर से सूंघा अहाहा क्या मादक सुगंध थि। उसने अपने दोनो हाथो से अपने योनि को छुपा लिया। ये उसका पराये मर्द के साथ पहला अनूभव था। चुदवाने कि चाहत भि थी पर पराये मर्द से चुदवाने कि झीझक भि थि।
मैंने उसके हाथो पर किस करना शुरु किया और धिरे धिरे उसके हाथो को सरकाता गया। अब उसका निर्वस्त्र हुस्न मेरे सामने था। पुरि योनि एकदम सफाचट थि। पाव रोटि कि तरह फुलि हुई जैसे छोटि बच्चियो कि होति है। उसमे से हल्कि हल्कि मादक सुगंध आ रहि थी।
मैंने अपने अधरो से उसकी चोटा को चुम लिया और अपनि जिभ उसमे घुसा दि। मै अपनि जिभ लम्बवत उसके पुरि योनि पर चला रहा था। उसके मूँह से सिसकारिया निकले लगि। वो जोर जोर से आह–विमल–आह कि आवाज निकालकर मेरा नाम लेने लगि। वो मेरे बालो को पकड कर मेरा सर अपनि योनि मे ढकलने लगि।
मैने अपने दोनो हथो से उसकि योनि पंखुडियो को खोला और उसके मजे के दाने पर अपनि जिभ घुमाने लगा। वो अकडने लगि। अपने चुतड उठा कर मेरे मूह मे घुसाने लगि। उसने एक झुरझुरि सि लि और मेरे सर को जोर से अपनि योनि मे भिंच लिया। मै समझ गया ये अब बस झडने वालि है। मैंने अपनि स्पिड बढा दि। 30 सेकंड मे हि वो झडने लगि। उसकि योनि से सफेद पानि बाहर आने लगा। मैने थोडा चखा। कुछ खट्टा कसैला सा स्वाद था। बाकि का पानि मैंने नेपकिन से पोंछ दिया। वो हाफने लगि थि। वो ऊठकर मुझे चुमने लगि। मेरे होंठो से जैसे वो अपने हि पानि का स्वाद लेना चाह रहि हो। मैंने उसे फिर से पलंग पर लिटा दिया।
मै धिरे से उपर उसके पास बैठा और उसके बालो को सहलाने लगा। उसने बडे अनुराग से मेरि ओर देखा को शरमाकर मुस्कुराने लगि। मैने उसके होठो को चुम लिया और उसकि टि–शर्ट को उपर कर के निकाल दिया। मैने उसे फिर बाहो मे भर लिया। मुझे उसकि मासुम मुस्कुराहट पर प्यार आ रहा था।
और मै उसे जि भरकर प्यार कर रहा था। मैने उसके निप्पलो को चुसना शुरु किया बिच बिच मे मै उसके निप्पलो को हल्के से अपने दांतो से चुभला देता था। वो फिर सरुर मे आने लगि। निचे हाथ बढाकर मैंने उसका स्कर्ट भि हुक और चैन खोलकर निकाल दिया। अब वो मेरे सामने मादर जात नंगि लेटि हुइ थि।
जिस हुस्न को देखकर कभि आहे भरा करता था और उसकी याद में अन्तर्वासना स्टोरी पढ़ता था और मुठ मारता था।, आज वो बेनकाब मेरे सामने मुझसे भोग लगवाने के लिये आतुर पडा था। प्रभु कि केसी माया है।
वो मेरे सामने पुर्नतया नग्न पडि थि और अब तक मेरे कपडो का एक बटन भि नहि खुला था। हा पेंट के अंदर मेरा 6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लंड तडप रहा था। अपनि आझादि और अपनि बारि का इंतेजार करते हुये। उसने मुझे अपनि औऱ ख़िंचा और मेरे शर्ट के बटन खोलने लगि। जल्द हि मेरा शर्ट मुझसे अलग हो गया, मै अंदर बनियान नहि पहनता हु। मेरे चौडे सिने पर वो अपना मुह रगडने लगि।
फिर निचे हाथ डालकर वो मेरा पेन्ट उतारने लगि। मैंए भि देर ना करते हुये अपनि पेंट और अंडर्वियर उतार दि। अब हम दोनो मादर जात नंगे एक दुसरे से लिपटे हुये थे। हम दोनो जैसे एकदुसरे मे समा जाना चाहते थे।
दोनो कि लिपटा–लिपटि, चुम्मा–चाटि अपनि चरम सीमा मे आने लगि। कभि होंठ एकदुसरे से मिल जाते तो कभि शरिर के किसि ओर अंग को चुम रहे होते थे।
अचानक उसने मेरे निप्पल को अपने मुह मे ले लिया और मै गनगना गया। वो मजे से एक एक करके मेरे दोनो निप्पलो को बारि बारि चुसने लगि। मेरे अंदर कि गरमि बढने लगि। उसने भि अपनि टांगो को फैला लिया था। मेरा लंड बिच बिच मे उसकि चुत पर टकरा जाता था। जैसे हि मेरा लंड उसकि चुत से टकराता, वो अपनि गांड उठाकर मेरे लंड को अपने अंदर लेने कि कोशिश करने लगति। मै हलके से अपना लंड हटा लेता। अभि मै उसकि आग और भड्काना चाहता था।
मैंने अब उसको पेट के बल लिटा दिया और उसकि पिठ पर किस करना शुरु किया। मेरा लंड उसकि उभरि हुई गांड पर दस्तक दे रहा था। उसने अपने पैरो को थोडा फैला लिया और मेरा लंड अब उसकि गांड और चुत के क्वार्नर से टकराने लगा। मै उसकि पिठ, कमर पर मसाज करते हुये किस कर रहा था। निचे आते आते अब मै उसके नितम्बो को सहला रहा था, उसे गुद्गुदि सि होने लगि। उसने अपनि कमर को थोडा उपर किया। अब उसकि खुलि गांड और चुत कि फांक मेरे चेहरे कै समाने आ गई। चुत कि फांके जुम्बिश कर रहि थि और एक प्रिकम का मोति उसकि चुत पर झलक रहा था। मैने आगे बढकर उस मोति को अपनि जिभ से चाट लिया। इसका स्वाद मुझे बहोत अच्छा लगा।
अब तक हम दोनो बहोत गर्म हो गये थे। मैंने उसे सिधा किया और अपने सिधे हाथ को उसकि कमर मे डाल कर उसे थोडा उपर उठा लिया। दुसरा हाथ मैने उसकि गरदन मे डाला और अपने लंड को उसकि चुत पर सेट करके जैसे हि झटका मारा, लंड स्लीप हो गया। दो–तिन बार कोशिश करने पर भि जब नहि घुस पाया तो उसने अपने हाथ से मेरे लंड को पकडा और अपनि चुत पर सेट करके मुझे इशारा किया, मैने एक धक्का लगाया और लंड थोडा अंदर घुस गया। इतने धक्के मे लंड पुरा घुस जाना चाहिये था मगर पिछले तिन सालो मे उसकि चुदाई नहि हुई थि, इसलिये चुत एक्दम टाइट हो गई थि।
(प्रक्रति का नियम हि ऐसा है कि यदि कुछ दिन चुदाइ ना हो तो चुत सिकुड़ जाति है।) लंड के थोड़़ा घुसते हि उसे थोडा दर्द हुआ मगर वो खेलि खाइ थि और एक बच्चे कि मा भि थि। मैंने लंड को थोडा और जोर लगाया और अब लंड सरसराता अंदर घुस गया और सिधे उसकि बच्चेदानि से टकराया।
मैने लंड हलके से बाहर निकाला और जोर से धक्का मारा उसकि जोर से सिसकारि निकल गई। अब मै ऐसे हि जोर जोर से धक्के मारने लगा। हर धक्के के बाद उसकि सिसकारि निकल जती थि। मैरी स्पीड कम थि मगर फुल पावर मे धक्के मार रहा था। मै अपनि कमर कों धिरे से पिछे लेता था और फिर फुल स्पीड मे दन्न से लंड पेल देता था।
मेरा अनुभव है इस तरह धक्के मारने से लडकि को बहोत मज़ा आता है और लंड भि बहोत देर तक टिकता है। (आप भि आजमा कर देखिये)।
सात मिनट के धक्के पिलाइ के बाद मितालि अकडने लगि। अब उसकि आवाज जोर जोर से निकलने लगि। वो मुझे अपने अंदर भिचने लगि। अपनि गांड उठाकर लंड निगलने का प्रयास करने लगी। अब मैंने अपनि पोजिशन थोडि बदलि और फुल स्पीड मे धक्के लगाने लगा। दोनो एकदुसरे मे समाने कि कोशिश करने लगे।
उसने मुझे जोर से भिंच लिया और झडने लगि। मैने धक्के मारने कि स्पीड बढा दि। मीताली जोर जोर से मादक आवाजे निकालने लगि। उसकि आवाज से मै और रोमांचित होता गया और मेरे धक्को कि स्पीड बढति गई।
झडने के बाद मीताली अब निढाल से हो गई। पर मेरा तो अब तक हुआ नहि था। मैंने मीताली कि दोनो टांगे उठाकर अपने कंधे पर पर रख ली और लंड को जोर जोर से अंदर बाहर करने लगा। धीरे धीरे मीताली फिर गरम होने लगी। अब उसके मुह से मोनींग कि आवाजे निकलने लगी। मीताली अपनि गांड उचकाकर मेरा लंड और अंदर तक नीगलने लगी। उसकि मद्भरी आवाजे सुनकर मेरा लंड और गरम होने लगा और मै दुगनि रफ्तार से चोदने लगा।
अब मैंए उसकि एक टांग निचे कर् दि और जोर हजोर से झटके मारने लगा। चुत मे से फच–फच कि आवाजे आने लगि थी। मीताली ने एक जोरदार सिस्कारि मारि और मुझे भीच लिया, उसका गर्म लावा एक बार फिर बह निकला। एक अलग सि महक से कमरा महक गया। मैने भि पांच छे धक्के मार कर उसको भिंच लिया और अपना पुरा माल उसकि चुत मे अंदर तक डाल दिया। दोनो जोर जोर से हाफ रहे थे। थोडि देर मे मैने उसे किस किया और उसके बगल मे ढेर हो गया।
उसने मुझे अपने से चिपटा लिया। हम दोनो नंगे हि एक दुसरे से लिपटे हुये पडे रहे। उसकि चुत से उसके रज और मेरे विर्य क मिश्रन धिरे धिरे रिस रहा था। उसके होंठो पर एक त्रिप्ति पुर्ण मुस्कान थि।
ये Real Romantic Sex Story अभि खतम नहि हुई है। इसक अंतिम संस्करन आपको अगले भाग मे पढने मिलेंगा कि कैसे हमने रेल्वे केंटीन मे मजे लिये और नये नये तरिको से चुदाइ कि। जल्द मिलेंगे।
कहानी भेजने वाले – Vimal Kumar Khanna, vimal।[email protected]
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