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माँ की अन्तर्वासना – एक सेक्सी आत्मकथा🔥💜(Part-5)

मम्मी मेरे जन्म के बाद अब पिहर से सीकर लोट चुकी थी मम्मी ने अपना आपरेशन करवा लिया था पापा की आर्थिक स्थिति अब धीरे धीरे सही हो चुकी थी। मगर मम्मी की उम्र अभी 21 की ही हुई मम्मी का शरीर अब पहले से भी सुन्दर हो गया था। मम्मी के बूबस 40 के तो गांड 90 की हो चुकी थी पेट बिलकुल अंदर था बडी बडी आंखे ओर बडे बडे बाल मम्मी अब कयामत बन चुकी थी। 

ये वाला भाग इस Maa Sex Story आत्मकथा का पांचवा भाग है, उम्मीद करते है की आप पिझले भाग पड़ते हुए आये होंगे, अगर नहीं पढ़े तो पढ़ले गज़ब की अन्तर्वासना कहानी है, ऐसी कहानी नहीं पढ़ी होंगी पक्का मुठ मार देंगे। फ़िलहाल इस माँ और ड्राइवर की चुदाई कहानी को पूरा पढ़ना बिना एक भी लाइन छोरे।

अभी तक मम्मी ने दस लंड खा लिये थे मगर उनकी चुत की भूख खत्म होने का नाम ही नही ले रही थी कहते है ना “दोस्तो जहा चाह वहा राह ओर जहा चुत वहा लंड” बस अब आगे की कहानी दुकान के दो लडके ओर ड्राइवर तीनो मम्मी को पेलने के लिए मम्मी पर लाईन मारने लगे ओर उनका कहा काम तुरंत करने लगे इसबार बाजी ड्राइवर सीताराम सोनी के हाथ लगी। 

सीताराम एक 40 साल पतला नौजवान था सीताराम की उम्र ज्यादा होने के कारण मम्मी ने सोचा ये विश्वास करने लायक आदमी है तो मम्मी ने सीताराम सोनी से संबंध बनाने की सोची जब कपडे सप्लाई करने नही जाना होता था, तो गाडी घर पर ही रहती थी ओर सीताराम भी पूरे दिन घर के बाहर कुर्सी पर बैठा रहता था। 

वो मुझे ओर मेरी बहन को खिलाता रहता था मम्मी जब हमे लेने या देने आती तो वो मम्मी को गोदी से लेने ओर देने के बहाने मम्मी के बोबो को छु देता था बदले मै मम्मी भी हंस देती थी। 

एक दिन, 

उसने बोबो को जोर से  दबा दिया तब मम्मी ने आह भरकर एक स्माइल पास कर दी ये देखकर सोनी को यकीन हो गया की ये चुदाई करवाने को तैयार है तो वो मोके की तलाश करने लगा ओर प्लान बनाने लगा जल्द ही उसे मोका मिल गया पापा कपडे लेने के अहमदाबाद चले गये। 

5 दिन के लिए ओर सीताराम को घर पर ही सोने का कहकर चले गये दिनभर वो हमे खिलाता रहा ओर मम्मी को ताडता रहा इधर मम्मी भी तैयारी कर रही थी मम्मी ने दिन मै अपनी चुत की क्लीन शेव की ओर अपना मेकअप कर के तैयार हो गया। मम्मी ने आज कसा हुआ काला रंग का पंजाबी सुट पहन रखा था जिसकी टाईट फिटिंग मै मम्मी के बोबे बाहर निकाल रहै तो गांड भी पूरी उठी हुई थी। 

जिसे देखकर सोनी जी के लंड का बुरा हाल हो चुका था मगर कीसी तरह वो अपनी हालात को काबू कर था मम्मी उसके मजे लिये जा रही थी दोपहर मै मम्मी ने सीताराम को खाना खाने के लिए बुलाया ओर उसे खाना दिया तो झुककर 40 साईज की पूरी चूचीया बाहर निकलने को हो गयी। 

सीताराम की पेट मै आया तूफान देखकर मम्मी खुश हो रही थी मन ही मन खैर मम्मी ने खाना खिलाकर सीताराम को आराम करने का कहा सीताराम बाहर बनी बैठक मै जाकर सो गया मम्मी हम दोनो भाई बहन को अंदर लाकर आराम करने लगी अब मम्मी रात को अपनी चुदाई करवाने की प्लानिंग कर रही थी। 

सीताराम तो तैयार था मगर वो पहल करने मै डर रहा था मम्मी चाह रही थी पहल वो करे मगर मम्मी अपनी चुत को काबू मै नही रख पर रही थी ज्यादा आराम करते करते मम्मी अपने हाथ अब चुत पर चलाने लगी जिससे मम्मी की चुदास ओर भडक गयी, कुछ देर सोने के बाद मम्मी ने चाय बनाकर सीताराम को उठाया ओर बाहर कमरे मै उसके सामने बैठकर एकसाथ चाय पीने लग गये। 

सीताराम की नजर मम्मी की चूचीयो से हट ही नही रही थी मम्मी ये देखकर खुश हो रही थी मम्मी ने चाय पीते पीते सीताराम से कहा आपके लिए क्या बनाऊ खाने मै आपको क्या पसंद है सीताराम के मुह से निकाला आप, 

मम्मी ने हंसते हुए कहा – वो तो देख ही रही हू मगर खाने मै क्या पसंद है?? साहब को ये पूछ रही हू अभी तो 

सीताराम ने कहा – आपके हाथ का तो जहर ही पी लेगे हंसते हंसते आप कहो तो सही 

मम्मी ने हंसकर कहा – जहर तो नही है जहर के बदले ओर कुछ चलेगा क्या?!! 

सीताराम ने कहा – मालकिन आप की आज्ञा सर आंखो पर  

सीताराम ने कहा – मालकिन मिर्च रगड लो चटनी बना लो मिर्च ही असरदार होती है रात है मीठा खाने से तो नीद ही आएगी!! 

तो मम्मी ने कहा – मिर्च खाकर रात को क्या करोगे? सोना नही है क्या?! 

सीताराम – सोना तो मगर सोने से पहले कुछ फिर सीताराम चुप हो गया 

मम्मी ने कहा – कुछ मतलब कुछ या बहुत कुछ ओर 

फिर मम्मी हंसने लगी मम्मी तभी हो गयी चलो मै मिर्च रगड कर चटनी बना लेती हूँ और बाद में नहाकर खाना साथ मै ही खा लेगे, मुझे साफ सफाई के बिना कुछ भी करना पसंद नही है!! 

मम्मी ने कहा – आप भी सारे बाल वगैरह ये दाढ़ी और कटिंग करवा आओ 

सीताराम समझ गया तभी मम्मी ने अपने लिए पर्ची दी जिससे साबुन ओर क्रीम ओर दो रेजर दो ब्लेड मंगवायी ओर उसे कटिंग शेविंग के लिए भी पैसे दे दिये, 

कहा – मै खाना बनाती हू तब तक आप ये काम कर के आ जाओ 

सीताराम ने पर्ची देकर समान लिया तो दो रेजर ब्लेड देखकर समझ गया वो शाम होते ही घर पहुंच गया कटिंग शेविंग करवाकर आते ही उसने वो समान मम्मी को दिया तो मम्मी ने उसमे से उसे रेजर ओर ब्लेड निकालकर दिया, 

ओर कहा – बाकी की सफाई कर लेना गर्मी बहुत है 

तो सीताराम ने कहा – मालकिन मै सफाई ही रखता हू वेसै ही

 मम्मी ये सुनकर खुश होकर बोली – फिर तो बहुत बढिया बात है 

ओर सीताराम नहाने चला गया उसके आते ही मम्मी नहाने घुस गयी रात का समय हो गया था मम्मी के अंदर जाते ही सीताराम ने गेट से अंदर देखने के लिए गेट पर नजर घुमाई तो अंदर का नजारा दिखने लगा। 

वो छेद काफी बडा था जैसे कोई कील ठोंककर निकाली हुई थी। 

मम्मी आधी नंगी थी उसकी पीठ देखकर सीताराम अपना लंड सहला रहा था तभी मम्मी ने सलवार खोल दी ओर अब वो आधी नंगी हो गयी थी मम्मी ने पिछे घुमकर जब सलवार टागा तो उसे पता लग की सीताराम उसे देख रहा है। 

ये जानकर मम्मी ओर खुश हो गयी मम्मी ने जल्दी जल्दी अपनी ब्रा पेटी खोल दी रेजर से अपनी झाटे साफ करने लगी झाटे साफकर के मम्मी ने काख के बालो को साफ कीया ओर नहाने लगी नहाते वक्त मम्मी ने अपनी एक उंगली को चुत मै घुसा दिया ओर अंदर बाहर करने लगी। 

सीताराम की बाहर हालात खराब हो गयी थी मम्मी फिर नहाकर नयी ब्रा पेटी पहनी ओर एक पारदर्शी मैक्सी पहनी जिस से मम्मी का अंग अंग चमक रहा था। ओर इधर सीताराम जल्दी से खडा होकर शौचालय मै घुस गया मम्मी को शक हुआ हुआ तो मम्मी भी गेट के बाहर से कोई सुराख देखने लगी। मम्मी को भी गेट मै सुराख मिल गया मम्मी की आखे फटी रह गयी सीताराम का शरीर ही दुबला पतला था मगर सीताराम का लंड पूरे 7 इच लंबा ओर तीन इच मोटा था। 

सीताराम को मुठ मारते देख मम्मी की चुत से पानी निकल गया ओर सीताराम का माल निकलते ही मम्मी कमरे मै आकर तैयार होने लगी मम्मी ने गाऊन खोलकर ब्रा ओर पेटी भी निकाल दी ओर गाऊन पहन लिया। इस Antarvasna Sex Story पूरा पढ़ते रहिये अभी आगे चुदाई रोमांच है और हवस एक अलग ही परिभासा मिलेगी। मम्मी ने लाल रंग की लिपस्टिक लगाई काजल लगाया ओर बालो का जुडा बनाकर जल्दी से बाहर आ गयी बाहर मै ओर मेरी बहन खेल रहै थे सीताराम चारपाई पर बैठा था मम्मी ने बाहर आकर दरी बिछाई तो मम्मी के बूबस गाऊन से बाहर ही निकल गये। 

जिसे मम्मी ने हंसते हुए  हाथ लगाकर अंदर कीया मम्मी जब मुडकर जाने लगी तो उनका गाऊन उनकी गांड मै फस गया मम्मी जल्दी से खाना लेकर आ गयी ओर दरी पर बैठकर मुझे ओर मेरी बहन को खिलाने लगी… सीताराम चारपाई पर बैठा बैठा मम्मी के बूबस घूर रहा था मम्मी भी सीताराम को गाऊन के दो बटन खोलकर अपने दूध दिखा रही थी। 

खुलकर मम्मी ने कहा – सीताराम जी खाना खा लो आ जाओ या देखते ही रहोगे 

सीताराम ने हंसते हुए कहा – मालकिन आपके साथ बैठकर मै कैसे खाऊगा 

तो मम्मी ने हंसते हुए कहा – अगर ये बात है तो फिर तो तुम्हे बाहर ही रहना होगा रात को भी 

ये सुनकर सीताराम घबरा गया ओर कहने लगा – मालकिन समझा नही आप क्या कह रही है 

तो मम्मी ने कहा – आप घर के अंदर नही घर के बाहर गली मै सोएगे चारपाई पर 

ये सुनकर सीताराम निराश हो गया, 

मम्मी ने बात पलटते हुए कहा – जब आप मेरे सामने बैठकर खाना ही नही खा रहै है तो सोएगे केसै अंदर इसलिए कहा 

तो सीताराम ने कहा – मालकिन जल्दी से खाना डाल दो 

मम्मी ने लाल मिर्च की चटनी रोटी सलाद के साथ डाल दिया 

सीताराम ने खाना शुरू करते हुए कहा – मालकिन आप भी खा लो 

तो मम्मी ने कहा – तुम खिला दो अपने हाथ से इस बार सीताराम ने हिम्मत करते हुए मम्मी के मुह मै निवाला देने के लिए हाथ बढा दिया 

ये देखकर मम्मी ने हंसते हुए मुह खोल दिया ओर निवाला खा लिया, सीताराम ने दूसरा निवाला भी दिया 

तो मम्मी ने कहा – मिर्च खिलाकर ओर गर्म कर दो 

तो सीताराम ने गर्म होने पर ही ठंडा होने में मजा आता है, 

“ये सुनकर मम्मी हंस दी” 

ओर सीताराम ने दूसरा निवाला भी मम्मी को खिला दिया मम्मी ने दूसरा निवाला खाते ही कहा – पता नही खाने मै दूध की खुशबु केसै आ रही है 

सीताराम ये बात समझा नही ओर कहा – मालकिन दूध की खुशबु मुझे तो नही आई 

मम्मी ने कहा – दूध तो हाथ से निकाल दिया अब तो खुशबु ही बाकी रही है 

ये सुनकर सीताराम ने कहा – खुशबु तो इसमे मुझे भी जन्नत के द्वार की आ रही है दरवाजे के अंदर गयी उस उंगली की खुशबु बहुत ही मनमोहक है 

“ओर दोनो हंसने लगे” 

दोनो खाना खाकर खडे हो गये, मम्मी बर्तन लेकर चली गयी सीताराम बाहर चारपाई पर लेट गया वही मम्मी फिर हम दोनो को सुलाने के लिए कमरे मै ले गयी ओर सुलाकर बाहर आ गई। 

सीताराम से आकर कहा – सीताराम मेरे लिए भी एक चारपाई निकाल लाओ अंदर गर्मी बहुत है 

सीताराम ने चारपाई अपनी चारपाई के पास लगा दी मम्मी ने टेबल फैन चालु कर दिया ओर बाहर की लाईट बंद कर के चारपाई पर लेट गयी पंखे की हवा से मम्मी के बदन की खुशबु से सीताराम पागल होने लगा था। 

तभी मम्मी ने सीताराम की तरफ पीठ कर ली जिससे सीताराम मम्मी की बडी गांड को एकटक देखने लगा तभी मम्मी ने सीताराम को कमर पर खुजली करने को कहा, सीताराम ने बिना कुछ कहे मम्मी की पीठ को सहलाने लगा। 

मम्मी ने सीताराम नाखून से खुजली करो जोर की खुजली आ रही है सीताराम ने अपने मर्दाना हाथो का दवाब बढाने लगा मगर सीताराम ये सोचकर चोक गया नहाने के बाद जो ब्रा पेटी पहनी थी वो अब नही है सीताराम ने हिम्मत करते हुए अपने हाथो को गांड तक ले जाकर खुजाने लगा। 

मम्मी ने कहा – सीताराम नाखून नही है क्या 

सीताराम ने कहा – मालकिन आपने कहा तभी आज काट लिये थे 

तो मम्मी ने कहा – सीताराम खुजली बहुत जोर से आ रही है हाथ उपर से अंदर डालकर खुजली कर दो जल्दी… 

सीताराम ने जल्दी उपर से हाथ डालकर मम्मी की कमर पर खुजली करना शुरू कर दिया ओर हाथ नीचे ले जाकर गांड पर भी खुजली करने लगा कमर पर खुजली करने के बाद 

सीताराम ने कहा – मालकिन पेरो पर भी कर दू क्या 

तो मम्मी ने कहा – कर दो 

सीताराम जल्दी से सीताराम ने मम्मी को उल्टा लेटने को कहा ओर गाऊन को घुटने तक ऊंचा करके गाऊन मै हाथ डालकर वो मम्मी की जाघो पर खुजली करने लगा मम्मी ने अपनी टागो को फैला दिया था। सीताराम खुजली करते हुए मम्मी की चुत तक पहुंच गया जैसे ही उसने चुत को छुआ तो मम्मी की आह! निकल गयी। उनकी वैसे ही जबरदस्त मूत निकल चुदाई होने वाली थी जैसी आपने पिझली इस माँ अन्तर्वासना की XXX Story में पढ़ा है।

ये सुनकर सीताराम ने कहा – मालकिन लगता है असली खुजली यही हो रही है 

तो मम्मी ने कहा – सीताराम असली खुजली तो यही हो रही है 

इतना सुनते ही सीताराम ने चुत मै उंगली डाल दी ओर मम्मी की एक बार फिर आह! निकल गयी। 

मम्मी ने कहा – सीताराम इस खुजली का ईलाज कर दो बस… 

सीताराम ने कहा – मालकिन मै तो कब से तैयार हू 

तो मम्मी ने कहा – तो अब क्या देख रहै हो, करो… 

इतना सुनते है सीताराम ने अपने कपडे उतारना चालू कर दिया ओर मम्मी को बैठाकर उनका गाऊन खोल दिया गाऊन खोलते ही मम्मी नंगी हो गयी। सीताराम पागलो की तरह मम्मी की चूचीयो को दबाने लगा मम्मी सी… सी… की आवाज़े निकालने लगी। 

सीताराम ने मम्मी के होठो को चुसना शुरू कर दिया ओर मम्मी भी कामवासना मै सीताराम का पूरा साथ देने लगी सीताराम मम्मी का दूध पीने लगा मम्मी एक हाथ से अपनी चुची दबाने लगी ओर दूसरे हाथ को सीताराम के कच्छे मै डालकर उसका लंड पकड लिया। 

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ओर जोर से दबाने लगी सीताराम ने जल्दी से अपना कच्छा बनियान खोलकर फैक दिया ओर मम्मी की टांगे अपने कंधो पर रखकर अपने मोटे लंड को मम्मी के भोसडे मे पेल दिया मम्मी की चुत इतने लंड खाने के बाद भी बहुत कसी हुई थी। 

सीताराम ने तीन झटको मै मम्मी की चुत मै अपना लंड पेल दिया सुखा लंड पेलने से मम्मी ओर सीताराम दोनो को ही दर्द होने लगा था मगर दो मिनट मै ही चुत की चिकनाई से लंड चिकना होकर खमासान मचाने लग गया। मम्मी अब जोर जोर से आहे भरने लगी सीताराम ने झटको की गति बढा दी जिससे मम्मी को आनंद आने लगा चुदाई मै दस मिनट की चुदाई मै मम्मी ने कामरस छोड दिया। 

ओर फिर चारपाई पर उल्टी होकर गांड ऊंची करके अपनी चूत को बाहर निकालकर सीताराम को चोदने को कहा सीताराम ने मम्मी की चुत मै एक झटके मै लंड ठोक दिया सीताराम का लंड मम्मी की बच्चेदानी को टक्कर मारने लगा दस मिनट चुदने के बाद मम्मी ओर सीताराम ने एक साथ कामरस छोड दिया। सीताराम ओर मम्मी पसीने से नहा लिये थे सीताराम ने नीचे उतरकर मम्मी के गालो पर चुमा कीया ओर पेशाब करने चला गया मम्मी भी पेशाब करने चली गयी। 

“मम्मी आकर गाऊन पहनने लगी” 

तो सीताराम ने कहा – मालकिन अभी मत पहनो 

तो मम्मी ने पूछा – मन भरा नही क्या?? 

तो सीताराम ने कहा – पूरे दिन से जो हाल कीया है वो एकबार मै सही नही होगा 

तो मम्मी ने कहा – मैने तो नही कहा था तुम मुझे नहाते हुए देखो ओर हंसने लगी ओर कहने लगी नहाकर अब तभी पैल देते पकडकर कम से कम वो दूध तो इस चुत मै जाता, ओर जो पेशाबघर मै बहा दिया 

सीताराम ने कहा – मालकिन क्यो चिंता करती हो दूध से नहला दूंगा 

अब ओर कहते ही सीताराम ने मम्मी का हाथ पकडकर अपने लंड पर रख दिया जो खडा हो गया था। ओर अपनी उंगली चुत मै डाल दी ओर इस तरह एक राऊड ओर हो गया उनका चार दिन दिन रात की चुदाई से मम्मी की चुत को राहत मिल गयी थी। 

एक बार सीताराम ने पाच साल मेरी मम्मी की चुत की सेवा की फिर पापा ने वो जीप बेच दी जिसके बाद वो अपने गांव चला गया ओर मेरी मम्मी एकबार फिर अकेली हो गयी मगर अब जल्दी ही मेरी मम्मी के लिए लंडो की बारिश होने वाली थी। 

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हमारे मोहल्ले मै एक कमला जोशी नाम की रंडी आयी थी, साल भर पहले मम्मी जब हमें स्कूल छोड़ने जाती और लेकर आती तो मम्मी की उससे बात हो जाती थी बस दिन मै मम्मी सो जाती या सीताराम के साथ अय्याशी कर लेती तो उसे जरूरत ही नही थी। 

कीसी दिन की पापा भी चोद लेते थे कभी कभार, मगर सीताराम की चुदाई के चलते मम्मी बहुत खुश थी अब मम्मी उदास हो गयी उसकी हंसी गायब हो गयी, ये बात कमला ने नोटिस कर ली हमारी गली मै चार ही घर बने थे। बस वो भी दूर दूर बाकी प्लाट पडे थे खाली, 

कमला ने मम्मी को पूछा एक दिन – क्या बात है भाभी? आप उदास केसै है? 

“तो मम्मी ने टाल दिया” 

तो कहने लगी भाई ने कुछ कहा है – तो बता दो मै बात करूगी 

मम्मी ने कहा – ऐसा कुछ नही है 

कमला ने मम्मी की दुखती रग पर हाथ धर दिया इस बार ओर पूछा वो आपकी गाडी ओर ड्राइवर कहा है ये सुनकर मम्मी के चेहरे के भाव देखकर वो सब समझ गयी ओर कहने लगी – भाभी घर पर चलो आपसे कुछ बात करनी है 

मम्मी ना चाहते हुए भी चली गयी ओर कमला ने बातो मै उलझाना शुरू कर लिया कहने लगी – मेरे पती को सिर्फ काम ही काम दिखता है मेरी तरफ वो देखते ही नही भाभी क्या करू? शरीर की जरूरत को पूरा करना पडेगा ही इसलिए मै तो अपना काम निकला आती हू बाहर आप दोनो के बीच तो ठीक है ना… 

ये सुनकर मम्मी ने कहा – कहा… बहन… सीताराम ही था… अब तो… तरस गयी हू… मै…!!! 

ये सुनकर कमला ने कहा – ये क्या कह रही हो? मेरे होते हुए लंडो की लाइन लगा दूंगी कमला ने मम्मी के साथ क्या कीया जानने के लिए पढते रहिए!!

Story to be continued…

ये आत्मकथा की Kamukta Story आगे और भी ज्यादा सेक्सीपन, अश्लीलता, गन्दी हरकते, हवस, और चुदाई रोमांच से भड़ने वाली है। तो बने रहिये हमारे साथ। और ये भी बताये कमेंट करके की आपको कोनसा भाग पसंद आया और साथमे इस कहानी पर आपके विचार क्या है??

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