पापा की परी 🧚♀️
पापा का मजबूत लंड पजामे को फाडने को तैयार हो रहा था। तो मैरी चुत भी उस भयंकर लंड को लेने को बेताब थी। पापा की परी पापा की दुल्हन बन गयी थी मेरी दिल की धड़कन बढने लगी जैसे जैसे रात गहरी हो रही थी।
दोस्तो मे संजना कपूर दिल्ली से आपके सामने मेरे जीवन का एक हसीन लम्हा जो आगे चलकर मेरी जिंदगी बन गया वो शेयर कर रही हूँ। इस Baap Beti Sex Story को अगर लिखने मे कोई गलती हो तो क्षमाँ करना मेरे सभी चोदू दोस्तो!
मेरे परिवार मे मेरे से दो छोटी ओर मोम डेड है कॉलेज की पढाई के बाद मेरी शादी 25 साल की उम्र मे कर दी गयी। मेरे पापा एक बिजनेसमैन है तो उन्होंने मेरे लिए भी एक बिजनेसमैन लडका ही खोजा ओर हमाँरी शादी कर दी।
सुहागरात पर ही मुझे मेरे गांडू पति की हकीकत पता चली वो पैसेवाला तो है मगर दमदार मर्द नही, मेरे ख्वाब ख्वाब ही रह गये। मगर ओर कोई रास्ता नही था शादी से पहले मेरा कोई अफेयर नही था। तो मैने सब अपनी किस्मत पर छोड़ दिया था।
शादी के एक साल बाद मे जब पिहर आई तो माँ ओर बहने मेरी नानी के घर जा रही थी वो मुझे देखकर बहुत खुश हुई ओर मुझे भी साथ चलने का कहने लगी। मगर मेरा ननिहाल मे मन नही लगता था तो मैने मना कर दिया,
ओर कहा – मै पापा के पास ही रहूगी!
ये सुनकर माँ ने कहा – चलो ठीक है हम कल सुबह जाकर तीन दिन मे लोट आएगे तुम अपने पापा का ख्याल रखना।
मेरे पापा की उम्र उस समय 49 की थी ओर मेरी 25 की मेरी माँ भी मेरी बडी बहन जैसी लगती थी। वो उस समय 42 की थी उनका शरीर भी बडा कामुक था खैर दिन बातो मे निकल गया ओर रात को खाना खाकर हम सब सो गये।
हम तीनो बहने ऊपर सो रही थी तभी रात को मुझे प्यास लगी तो मै पानी पीने नीचे आई तो माँ की आवाजे सुनकर मै उनके कमरे की तरफ देखने चली गयी। कमरा बंद था मगर मम्मी की आहे सुनकर मुझे पता चल गया की मेरा बाप मेरी माँ चोद रहे थे।
माँ की कामुक आवाजो से मेरी भी चुदास भडक गयी ओर मै चुदाई देखने का जुगाड करने लगी। तभी कमरे के अंदर झाकने का मुझे जुगाड मिल गया, गेट के लोक के सामने बेड होने से मुझे अंदर का दृश्य साफ साफ दिखाई दे रहा था। मेरे पापा ने मेरे माँ के पैर चांद की तरफ कर रखे थे ओर माँ की चुत मै अपना गधे जैसा लंड पेल रहे थे।
पापा का लंड देखते ही मेरी चुत का झरना बहने लगा ओर मेरा हाथ लोवर के अंदर से मेरी चुत को सहला रहा था। माँ की चिखे तो मेरी माँ की माँ की चीख निकल जाती अगर इतने बडे लंड से चुदती।
वो कुछ देर बाद पापा ने माँ को कुतिया बनाया तो उनकी नजरे गेट पर चली ओर उन्हे गेट के नीचे से मेरे पैर दिखाई दिये। जिसे देखकर उन्होने अंदाजा लगाया की वहा मै उनकी चुदाई देख रही हू। माँ की चुत मे पापा का लंड अंदर जाता तो उनकी चीख निकल जाती ओर वो गाली देती हर बार।
माँ – अब तो छोड दे मुझे हवशी जानवर… मेरे किस्मत मे ही लिखा था… ऐसा जानवर…
तो पापा ने कहा – रानी लोग देखने को तरसते है ऐसे लंड को!
ओर उन्होने गेट की तरफ देखकर मुझे आंख माँर दी ओर हंसकर माँ की गांड मे उगली डाल दी। ओर वो लगातार गेट पर नजरे गढ़ाकर माँ की चुदाई करते रहै ओर इधर माँ की चुदाई देखकर मेरे बदन मे भी आग लग गयी थी। मगर मेरे पास कुछ नही था उस आग को बुझाने के लिए।
दस मिनट बाद पापा ने माँ की चुत मे ढेर सारा वीर्य भर दिया ओर फिर अपना लंबा लंड चुत से बाहर निकाल लिया ओर गेट के सामने खडे होकर हिलाने लगे। तो मेरी उगलिओ की हरकत से मेरी चुत ने भी खडे खडे दोबारा अपना रस बाहर निकाल दिया।
अब मै भागकर अपने कमरे मे चली गयी मगर पापा का मूसल लंड मेरी आंखो के सामने घुम रहा था ओर मेरी नींद भी गायब थी। पता नही कब आंख लगी मेरी सुबह जब माँ ओर बहन तैयार हो गयी तो मुझे उठाया।
ओर कहने लगी – अब सोती ही रहेगी क्या उठ जा रात को क्या देख रही थी
माँ की बात सुनकर मुझे रात का नजारा फिर से याद आ गया ओर मै मुह धोकर नीचे आ गयी। बहन ने चाय लाकर दे दी ओर वो कमरे मे समाँन पैक करने चली गयी।
तो माँ ने कहा – संजना क्या हुआ सब ठीक है
तो पापा ने कहा – कुछ उदास तो है संजु पता नही क्या बात है
तो मम्मी बोली – कोई बात नही… तीन दिन आप ख्याल रखना ज्यादा तंग मत करना उसे…
तो पापा बोले – तुम भी ना… संजु को तंग क्यो करूगा!
तो मम्मी बोली – पता नही आपका मै जानती हू… मे ही झेल सकती हू… हर कोई नही…
तो पापा ने कहा – संजु क्या कम है वो भी झेल लेगी आराम से
तो माँ बोली – रहने दो इसके बस की बात नही
तो मै कहा – माँ.. मै भी झैल लूंगी आपकी बेटी हू!
तो माँ बोली – बेटा देखने ओर करने मे बहुत फर्क है!
ये सुनकर मे सकपका गयी!
तो पापा बोले – तुम डराओ मत तुमको कुछ हुआ था क्या जो संजू को होगा
तो मम्मी बोली – मुझे ही पता है क्या हुआ था आपको क्या पता
तो पापा बोले – संजू कुछ हुआ क्या माँलूम लगा तेरे को तो
माँ – बोली आने के बाद पता लगेगा वो तो… मगर संभाल कर करना…
ये सब बाते सुनकर मुझे एहसास हो गया था, माँ मेरी मदद कर रही है क्योकी माँ जानती थी मेरे पति मे दम नही है ओर मै खुश भी नही हू उस से, तो माँ ने ही पापा को मनाया था इसके लिए।
तभी पापा बोले – संजू रात के लिए तैयार तो हो ना?!!
मैने भी कह दिया – पापा आपकी परी तैयार है बिलकुल!
तो पापा बोले – फिर दोपहर मै लडके साथ समाँन भिजवा दूंगा, तुम तैयारी कर लेना अच्छे से ओर खाना मै लेकर आ जाऊगा, कोई दिक्कत है तो अपनी माँ को बता दो, अगर मुझे ना कहना चाहो!
तो मैने कहा – ठीक है पापा!
ओर मै रसोई मे जाकर माँ से गले लग गयी!
तो माँ बोली – बेटी एकबार दर्द होगा बस थोडी हिम्मत रखना तुम्हारी खुशी के लिए बहुत मुश्किल से हा की है तेरे पापा ने!
ये सुनकर मैने कहा – ठीक है माँ !
तो माँ ने कहा – आज तेरी सुहागरात ही है इसलिए दुल्हन बनकर तैयार हो जाना अच्छे से, तेरे पापा कपडे भी भेज देगे। हमने सब तैयारी कर रखी है तुम वैक्स करवा आना अभी फिर कमरे को संजाकर तैयार भी करना है, गहने भी पार्लर वाली से ले आना तुम।
ये सब सुनकर मैरी आंखो से आंसू निकल आए।
तो माँ ने आंसू पूछते हुए कहा – बेटा हम तेरी खुशी के लिए सबकुछ कर रहै तो तुम भी खुशी खुशी मजे करो।
तो मैने कहा – हा माँ जरूर!
मम्मी ओर बहन को छोड़ने के लिए पापा उनको साथ लेकर निकले ओर फिर वो फैक्ट्री चले गये वही से। मै गाडी लेकर पार्लर चली गयी ओर फिर वही से मैने वैक्स फेशियल करवाया ओर गहने लेकर आ गयी। दोपहर मे नहाकर गाऊन पहनकर समाँन का इंतजार कर रही थी।
तभी लडका एक फूलो की टोकरी लेकर आ गया ओर एक बैग मे कपडे मैने पहले कमरे को अच्छे से सजा दिया। अब कमरे मे गुलाब की खुशबु महक रही थी तो मै भी कामुक हो रही थी।
रात की चुदाई को लेकर फिर मैने कपडे देखे तो उसमे मेरा फेवरिट कलर का घाघरा चोली था लाल रंग का मै कुछ देर आराम करने लेटी तो दो घंटे बाद मुझे जाग आयी मम्मी का फोन आने पर।
माँ ने पूछा – तैयारी कर ली
तो मैने कहा – हा माँ
तो माँ बोली – बेटा अब बाथरूम जाकर पेशाब करने के बाद सरसो के तेल से अंदर की माँलिश कर लेना अपनी उगलिओ से।
ताकी रात को तकलीफ कम हो डरना मत बस थोडी हिम्मत रखना ओर पहले पूरा फोरप्ले करना जब बर्दाश्त से बाहर हो जाए तब पापा से कहना। एकबार ले लिया तो फिर कभी कोई दिक्कत नही होगी!
ये सब बाते सुनकर ही मेरी चुचिया कडक हो गयी ओर मेरी चुत से कामरस निकलने लगा। माँ के फोन रखते ही मै एकबार फिर से नहाने चली ओर फिर चुत मे अच्छे से तेल माँलिश की अब मै बाहर आकर तैयार होने लगी। तभी पापा का फोन आया,
तो मैने कहा – आप नो बजे तक आना
तो पापा बोले – बेटा मुझे भी तैयार होना है
तो मैने कहा – हो जाना पापा क्या जल्दी है
तो पापा बोले – ठीक है बेटा
ओर मैने अच्छे से मेकअप कर के अपनी ड्रेस पहनकर आज पापा की दुल्हन बन ने लगी!
दो घंटे के मेकअप के बाद आखिरकार पापा की परी पापा की दुल्हन बन गयी थी मेरी दिल की धड़कन बढने लगी जैसे जैसे रात गहरी हो रही थी।
आखिरकार पापा ने डोरबैल बजाई,
तो मैने कहा – दरवाजा खुला है
तो पापा लोक करके अंदर आ गये ओर वाशरूम जाकर वो नहाकर बाहर आये ओर उन्होने एक शेरवानी पहनी ओर पगडी लगाकर। फिर सेन्ट डालकर उन्होने मेरे कमरे का दरवाजा खटखटाया। तो मेरी सांसे उपर नीचे होने लगी तभी उन्होने दरवाजा खोला ओर अंदर आकर दरवाजा लोक कर दिया।
ओर पापा को देखकर मेरी चुत भी मचलने लगी, तभी पापा धीरे से फूलो की लडियो को हटाकर बेड पर बैठ गये ओर मेरे पास आ गये। मैने गर्दन नीचे कर ली, पापा को सामने देखकर।
तब पापा ने बात शुरू करते हुए कहा – संजू बेटा ये सब हम मजबूरी मे कर रहै है तो अच्छा है हमे जब ये करना ही है तो हम मजे भी ले, ताकी तुझे जो सुख नही मिल पाया वो सुख मिले ये!
सुनकर मैने कहा – पापा मै इस सुख के लिए ही तो आपकी दुल्हन बन गयी हू… अब मुझे ये सुख दे दो आप!
तो पापा ने मेरा घुघट उठा दिया ओर मेरे चेहरे को प्यार से देखते रहै, मेरी आंखे बंद थी ओर गर्दन झुकी हुई।
तभी पापा ने कहा – तुम कितनी खूबसूरत को आज देखा सही से मेने बिलकुल Antarvasna लड़की लग रही हो। संजू अब आखे खोलो शर्म करोगी तो केसै होगा ये सुनकर मै पापा से लिपट गयी ओर पापा ने मुझे बाहो मे भर लिया ओर हम दोनो एकदूसरे से लिपटकर बैठे रहे बहुत देर। पापा के हाथ अब धीरे धीरे मेरे बदन को सहलाकर मुझे गर्म कर रहे थे।
तभी पापा ने मेरे मुह को अपने मुह के सामने कीया ओर मेरे होठो पर लगी लाल लिपस्टिक को खाने लगे। मेरी लिपस्टिक से पापा के होठ भी लाल हो गये तो पापा के हाथ मेरी चुचियो पर पहुंच गये ओर वो उन्हे मसलने लगे। धीरे धीरे हम दोनो गर्म होने लगे।
पापा ने एक एक कर के मेरे सभी गहने उतारकर रखे तो फिर मैने पापा की शेरवानी के बटन खोलकर उनकी शेरवानी को खोलने मे मदद की। अब मै घाघरा चोली मै बैठी थी तो पापा बनियान ओर पजामे मे पापा का गधे जैसा लंड पजामे को फाडने को तैयार हो रहा था। तो मैरी चुत भी उस भयंकर लंड को लेने को बेताब थी।
अब देखते ही देखते पापा ने मेरी काली ब्रा ओर चोली एक साथ खोल डाली उसके बाद उन्होने मेरे लांचे का नाडा खिंचकर मुझे खडा होने का कहा ओर मेने पेरो से लांचा निकालकर बाहर फेंका।
तो पापा ने मेरी पेंटी को खींचकर निकाल दिया, मेरी चिकनी लाल चुत को देखकर पापा खो से गये ओर फिर पापा भी खडे हो गये ओर अपना पजापा कच्छा बनियान खोलकर फेंक डाला।
अब हम दोनो नंगे हो गये तो पापा ने मुझे बेड पर सुला दिया ओर मेरे पेरो की उगलिओ को मुह मे भरकर चुसने लगे। ओर धीरे धीरे वो मेरि चुत तक पहुंच गये मेरी चुत से रह रहकर कामरस निकल रहा था। तो पापा अब वो कामरस का स्वाद लेने लगे।
पापा की जबरदस्त चुसाई ने कुछ देर मे ही मेरी चुत ने उनके मुह मे ढेर सारा कामरस छोड़कर उनको अपने योवन रस का मजा दिया। तो फिर अब मेने पापा के मूसल लंड को हाथो मे लेकर सहलाने लगी। पापा का लंड कीसी गर्म पाइप की तरह तप रहा था।
तभी मैने पापा के सुपारे को अपनी जीभ से चाटकर उसे अपने मुह मे भर लिया ओर सच कहू तो उनको इतना बडा लंड मेरे मुह मे नही जा रहा था। पापा का लंड सिर्फ लंबा ही नही साला मोटा भी बहुत था। मगर मेरी चुदास इतनी ज्यादा थी की मैने ना मुह मे जाते हुए ही पापा का लंड फंसा लिया मुह मे।
मेरा मुह तो उनके आधे लंड से फटने को हो गया था, मगर फिर पापा मेरे सर को पकडकर धीरे धीरे मेरे मुह को चोदने लग गये। जब पापा लंड अंदर डालते तो मुझे सांस भी नही आ रहा था, मगर मेरी हवस इतनी बढ चुकी थी मै उनका पूरा लंड निगल जाना चाहती थी।
मगर सारी कोशिश के बाद भी मे 7 इंच तक उनका लंड मुह मे ले पाई ओर पांच मिनट के अंदर मेरे जबडे भी दर्द करने लगे। तो मैने पापा का लंड बाहर निकाल दिया ओर फिर लंबी लंबी सांसे लेकर मेने खुद को नोर्मल कीया। तो पापा ने मुझे बाहो मे भर लिया ओर मेरे होठो पर होठ लगाकर कीस करने लगे।
उनका मूसल लंड मेरी जाघो के बीच से गांड तक पहुंच रहा था पापा के दोनो हाथ मेरी चुचियो को दबा रहै थे। अब मै पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी। पापा के लंड को पकडकर मे दबाने लगी,
ओर आखिरकार पापा को कहना पडा – पापा अब करो कुछ मे मर जाऊगी
तो पापा बोले – ठीक है मेरी परि!
पापा ने मुझे सुला दिया ओर मेरी गांड के नीचे दो तकिये लगा दिये, पापा ने मेरे हाथो को बांध दिया।
मैने पूछा – पापा हाथ क्यो बांध रहै हो??!
तो पापा बोले – बेटा तुम्हे दर्द नही होगा इसलिए
ओर फिर पापा ने बेड की डोवर मे रखी बोरोप्लस अपनी उगलिओ पर लगाकर अपनी उगली मेरी चुत मे डालकर मेरी चुत चिकनी करने लगे ओर मेरा इतना बुरा हाल हो चुका था की मुझे अब चाहे कितना भी लंड हो मै लेने को तैयार थी।
पापा ने थोडी सी क्रीम अपने लंड पर लगाई ओर अपने हाथो से मेरी नाजुक चुत की पंखुडियो को खोलकर उसका लंड का टोपा रख दिया। मेरी ओर धीरे धीरे मेरी चुत मे उन्होने अपना लंड का टोपा उतार दिया उसके बाद उन्होने झटके से टोपा पूरा अंदर कीया। तो मेरी चुत की दिवार हिल गयी ओर मै दर्द से कराहने लगी।
मगर अभी तो सिर्फ दो इंच लंड ही घुसा था चुत मै तभी पापा ने एक तेज झटका लगाकर आधा लंड मेरी चुत मे फंसा दिया। तो मेरी चीख निकल गयी जोर से तभी पापा मेरे उपर लेट गये ओर मेरे होठो को अपने होठो मे कैद कर लिया।
मगर मैने पूरा बेड हिला दिया उनकी पकड से निकलने के लिए मगर मै उनके शक्तिशाली शरीर के आगे बेबस लाचार थी। मेरा दर्द कम होने का नाम ही नही ले रहा था ओर तभी पापा ने दो झटके लगातार लगाकर अपना पूरा लंड मेरी चुत मे फंसा दिया।
मेरी चुत फट गयी मेरा दर्द से बुरा हाल था मे लगभग बेहोश होने वाली थी तभी पापा ने मेरी चुचीयो को इतनी बेदर्दी से मसला की मेरा दर्द दुगना हो गया ओर मै बेहाल हो उठी। दोस्तो इस Chudai ki kahani में, दस मिनट तक पापा अपनी मनमाँनी करते रहै, मै लगातार रोती रही, दस मिनट के बाद मेरा रोना बंद हुआ। तो उन्होने मेरे होठो को छोड़ा ओर मुझे खुली सांस लेने का मोका मिला।
मगर सांस की बजाय मेरे मुह से सबसे पहले गाली निकली – कुते अपना लंड बाहर निकाल… मुझे नही चुदवाना हरामी…
तो पापा बोले – कुतिया फट गयी इतनी जल्दी कब से फुदक फुदक कर रही थी… रंडी रूक जा अभी तेरी तो फटेगी तेरी ओर…
ओर उन्होने अपना आधा लंड बाहर निकालकर एक झटके मे फिर से पूरा लंड चुत मे उतार दिया। तो मेरी चुत की दीवार हिल उठी मे फिर से चिल्ला उठी।
तो पापा बोली – बस फट गयी एक झटके मे कुतिया तब तो बहुत मचल रही थी।
मैने कहा – हा! कुते फट गयी अब बोल ओर बचा है तो वो भी डाल दे… बेटीचोद !!!
दोस्तो इतना दर्द तो बच्चा पैदा करने मे भी नही हुआ जितना की पापा की पहली चुदाई से हुआ बेड पर चद्दर के उपर डाला सफेद तोलिया मेरी फटी चुत की दास्तान बयान कर रहा था। तभी पापा ने अपना लंड बाहर निकाला जिसे देखकर मुझे चक्कर आ गये! उन्होने एक बार फिर से अपने लंड पर ढेर सारी बोरोप्लस लगाने लगे!
तो मै बोली – पापा बहुत दर्द हो रहा रहने दो प्लीज…
पापा बोले – बेटा अब दर्द नही होगा…
तो मैने अपनी टांगो को मोडकर चुत को छिपा लिया…
ये देखकर पापा भडक गये – बोली बहुत नखरे कर रही है अब देख तू बहन की लोंडी बहुत देर हो गयी… तेरे नाटक को देखते!
ओर उन्होने गुस्से मे आकर अपना लंड मेरी चुत मे पेल दिया… इसबार दर्द कम हुआ मगर मेरी चुत के अंदर अब भयंकर जलन हो रही थी ओर पापा गुस्से मे आकर ताबडतोड झटके दे रहे थे। मेरी चीखो से भी पापा को कोई फर्क नही पडा ओर वो मुझे गंदी गंदी गालिया देने लगे… रंडी की ओलाद चुप कर साली कुतिया… साली रंडी! तेरी माँ भी तो रोज चुदती है तो तेरी चुत कुछ अलग थोडी है बहनचोद रंडी क्यो चिल्लाह रही है!!!
छिनाल।
रंडी।
बहन की चुत माँरू तेरी।
तेरी माँ तो बडे मजे लेकर चुत ओर गांड मरवाती है।
बुरचोदी रंडी।
गालिया सुनकर मुझे भी गुस्सा आया… तो मैने भी पापा को गालिया देनी चालू कर दी – हा… भडवे चोद!
कुते की ओलाद चोद अपनी बेटी की बुर को।
हरामी की ओलाद।
माँ के चोदे माँदरजात।
बहन के लंड।
हा चोद अपनी बेटी की बुर को हरामी।
माँदरचोद।
लगता है तूने अपनी माँ को भी चोदा होगा हरामी।
बेटीचोद।
पापा – हा कुतिया अभी तो तेरी चुत फाडी है तेरी छोटी बहन की चुत भी मै ही फाडूगा वो भी गांड मटकाकर चलती है बहुत तुम दोनो की खुजली इसी लंड से मिटेगी अपनी माँ पर गयी हो तुम दोनो कुतिया वो भी ऐसे ही चुदती है मजे लेकर
मेने बोला – बहनचोद रंडी की ओलाद आज रंडी बन ही गयी!
दोस्तो बीस मिनट के बाद मेरी चुत उस मूसल लंड को आराम से अंदर लेने लगी तो मैने भी गांड उठाकर लंड चुत मे लेना चालू कर दिया अब दर्द तो हो रहा था मगर दर्द के साथ साथ मुझे मजा भी आने लगा
मेरी चीखे अब आहो मे बदन गयी।
ओर मे – हा आ आ अहह आ अम्म पापा… आ अहह अपनी परी को ऐसे ही पेलो जोर से रगडो मेरी चुत को… पापा इसकी माँ की बहुत तंग करती है ये मुझे!
पापा – अब से तंग नही करेगी बेटी आज तेरी चुत की माँ चुद जाएगी!
मै बोली – तो चोद दे मेरी चुत बेटीचोद या बकचोदी ही करेगा हरामी…
पापा – अरे बहन की लोंडी अभी तो तू रो कर माँफी माँंग रही… अब बकचोदी करने लगी…
ओर पापा ने मेरी टांगे सीधी कर के अपने पेट से लगाकर सीधी कर अपने दोनो हाथो से कसकर पकड ली ओर फिर पूरी ताकत से चुत का भोसडा बनाने लगे। तो मेरी गांड भी फटने लगी मेरी चुत ने एकबार फिर से ढेर सारा कामरस छोडा तो पापा का लंड ओर चिकना होकर मेरी चुत को फाडने लगा ओर मै मजे लेकर दर्द को भूलाकर चुदने लगी थी।
मै बोली – ओ माँ बचाओ मारली पापा ने…
पापा हंसकर – नही बेटा ऐसा तो कुछ नही बस मजे ले लो एकबार की बात है
ओर फिर पापा की बेरहम चुदाई बीस मिनट ओर जारी रही चालीस मिनट की इस चुदाई से मेरी माँ बहन चुद गयी थी। दोस्तो जब पापा ने मेरी चुत मे अपना गर्म गर्म वीर्य भर तो मुझे कुछ राहत मिली। दोस्तो पापा पसीने से नहा चुके थे ओर मेरा बदन भी पसीने से भर चुका था।
कुछ देर बाद पापा खडे हुए ओर कहा – पापा की परी… तुम ठीक तो हो!
मेने कहा – पापा अब पूछ रहै हो मेरी माँ चोदकर
तो पापा हंसने लगे – बेटा तेरे पति का छोटा है तो भी दिक्कत ओर तेरे पापा का बडा है तो भी दिक्कत!
तो मै बोली – पापा आपका बडा नही बहुत बडा है!!!
तो पापा बोले – चल ठीक है खडी हो वाशरूम चलते है।
मेरी तो बैठने की हिम्मत नही थी, पापा बचपन मे जैसे गोद मै लेकर मुझे घुमाँते थे वैसे ही आज पापा ने मुझे गोद मे उठा लिया ओर बाथरूम मे ले गये।
मै सीट पर बैठकर मूतने लगी, तो मैरी चुत मे पेशाब की जलन भी हो रही थी बहुत ओर उससे मेरी आंखो मे आंसू भर आए। तभी पापा ने पास आकर मुझे चुमाँ ओर फिर पापा ने शावर चला दिया ओर अपने हाथो से मेरे बदन पर साबुन लगाकर अपने बदन पर साबुन लगाई।
ओर फिर मुझे अच्छे से नहलाया नहाने के बाद मुझे कुछ आराम मिला तो पापा ने तोलिया लाकर मेरा ओर अपना बदन साफ कीया ओर फिर मै चलकर बेड पर पहुंची।
तो पापा ने मुझे गाऊन लाकर दिया ओर फिर पापा किचन से खाना लेकर आये ओर मुझे अपने हाथो से खाना खिलाया। फिर पापा ने मुझे दर्द के लिए एक गोली दी जिसे खाने के बाद मुझे नींद आने लगी।
ओर सुबह 9 बजे मुझे पापा ने उठाया – बेटा चाय तैयार है खडी हो जा
तो मेरी आंख खुली मै अब ठीक महसूस कर रही थी काफी मेरे शरीर का दर्द गायब था। मगर चुत पर सोजन थी अब पेशाब कीया तो रात जितनी जलन नही थी मतलब मे अब पापा का गधे जैसा लंड लेने के लिए बिल्कुल तैयार थी।
मै मुह धोकर बाहर आई ओर पापा की गोद मे जाकर बैठ गयी!
तो पापा बोले – कैसा है मेरा बेटा??!!!
तो मैने कहा – जिंदा हू पापा ओर हंसने लगी!!
तो पापा बोले – मेरी परी अब से तो तुझे मजे ही मजे करने है बस ओर मुझे चुमने लगे!
फिर हमने चाय पी ओर पापा ने कहा – मुझे फैक्ट्री जाकर आना है कुछ देर फिर दो दिन मे घर पर ही रहूगा। तो तुम नहा लेना हम दोपहर मे कही बाहर खाना खाने चलेगे।
ये सुनकर मैने कहा – जी पापा!
ओर पापा नहाकर फैक्ट्री चले गये।
तभी माँ का फोन आ गया ओर वो पूछने लगी – केसी रही मेरी लाडो की सुहागरात!!
तो मैने कहा – माँ हालत ख़राब करदी, चूत का पसीना निकल दिया, आपकी भी ऐसी ही रही होगी!!!!
तो माँ बोली – एक बार दो दर्द होगा ही बेटा अब दो तीन दिन मे अपनी जवानी के असली मजे ले तू आराम से घर पर…
तो मैने कहा – माँ सही कहा अब इतना दर्द सहा है तो मजे तो लूंगी ही
ओर फिर हम दोनो हंसने लगी…
अगले भाग मे दर्द भरी दास्तान सुनने को मिलेगी क्योकी अब मेरी गांड की बारी थी जिससे मे बिलकुल अनजान थी। चलिए मिलते है अगले भाग मे आपको Kamukta Family Sex Story कैसी लगी मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना दोस्तो।
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अजीव लन्ड है मेरा।