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मारा चौथा गियर और गांड की सील खुल गई 🍑

शशी की गांड मै ड्राइवर मुकेश का मुसल लंड घुस चुका था शशी दर्द के मारे रोने लगी जोर से, मगर मुकेश लंड फंसाकर खडा रहा आराम से। शशी मुकेश से लंड बाहर निकालने का कहने लगी, मगर मुकेश टस से मस नही हुआ।

दोस्तों ये है इस कहानी का तीसरा भाग और ये वाला भाग शशि बहन की पहली गांड चुदाई का है। उम्मीद है आप अबतक खूब एन्जॉय कर रहे होंगे मेरी कहानियो को पढ़के और ये इस पूरी सीरीज का 25 भाग है। चलिए अब अपनी कहानी में घुसते है।

पिछले भाग – जिगरी दोस्त ने प्यारी बहन को कली से फुल बनाया – 2

शशी आज की चुदाई के बाद बहुत खुश हुई थी क्योकी कल जो दर्द हो रहा था वो आज की चुदाई मे मजा बनकर मिला। शशी की चुत की सील टूटने के बाद अब शशी की चुदास भडक गयी थी ओर वो कल फिर से चुदने के लिए अभी से बेकरार हो रही थी। मुकेश के लंड से हुई चुदाई को याद करके शशी की चुत ने रस छोड दिया उसकी पेटी मे ओर शशी मुकेश के सपनो मे खोकर सो गयी सुबह 9 बजे शशी फिर से चुदाई के लिए तैयार होकर मुकेश का इंतजार करने लगी। 

तभी वैन आ गयी ओर शशी मुकेश से चिपककर बैठ गयी वैन मै चुदाई के शशी आज बहुत उतावली हो रही थी। मुकेश के घर जाते ही दोनो गले लगकर एक दूजे को चुमने लगे पांच मिनट के बाद मुकेश ने शशी को आज एक New Antarvasna किताब दे दी पढने के लिए ओर घर को लोक करके चला गया। 

मुकेश के जाने के बाद शशी ने जल्दी से किताब उठाकर उसे खोला, तो उसका पसीना आने लगा, फोटो मे आज सिर्फ गांड चुदाई की ही फोटो थी जिसमे लडकीया मुसल जैसा लंड अपनी गांड मै लेकर मजे से चुदाई करवा रही थी। 

शशी की उत्तेजना बढने लगी ये देखकर मगर चुत मे हुए दर्द को याद करके शशी थोडा डर गयी शशी सोचने लगी जैसे मेरी चुत फटने पर भयंकर दर्द हुआ था वेसै ही अब गांड फटने पर होगा शायद। ये सोचकर ही शशी की हालात खराब होने लगी, मगर फोटो देखकर शशी का मन भी करने लगा था गांड मरवाने का। 

शशी अब मजे लेकर फोटो देखने लगी ओर मुकेश से गांड मरवाने की कल्पना करने लगी आखे बंद कर के तभी शशी का एक हाथ उसकी चुत पर पहुंच गया ओर चुत को सहलाने लगा। शशी ख्वाबो मे गांड मरवाने का सोचकर अपने चरम पर पहुंच गयी ओर शशी अपनी पेटी मे झड गयी। 

तभी शशी खडी हुई ओर पेशाब करके कमरे मे आई ओर अपनी पेटी ओर ब्रा खोलकर सुट पहन लिया। तभी कुछ देर मे गेट खुला ओर मुकेश अंदर आ गया। मुकेश ने दरवाजा बंद कीया ओर चारपाई पर बैठी शशी से जाकर चिपक गया। शशी भी तैयार ही थी पूरी तरह तभी मुकेश शशी को कीस करने लगा। 

शशी भी मुकेश को किस करने लगी ओर दोनो पांच मिनट तक एक दूसरे को चुमते रहै तभी मुकेश ने शशी का कुर्ता खोल दिया ओर उसकी चुचियो को दबाने लगा। शशी अब गर्म होने लगी थी शशी भी मुकेश की पेट पर हाथ फेरकर उसके लंड को सहलाने लगी। मुकेश ने शशी को खडा किया ओर उसकी सलवार को खोलकर शशी को चारपाई पर पैट के बल झुकाकर सुला दिया। 

जिससे शशी की चुत ओर गांड उपर उठ गयी मुकेश ने झुककर शशी की गांड को चुम लिया ओर गांड को फैलाकर उसके छेद को अपनी जीभ से चाटने लगा शशी को इससे गुदगुदी होने लगी। तो शशी मना करने लगी मगर शशी तैयार थी गांड मरवाने के लिए कुछ देर गांड चटवाने के बाद अब शशी को मजा आने लगा। 

गांड चटवाने मे तो शशी गांड को उचकाने लगी तभी मुकेश ने अपना लंड शशी की चुत मे पेल दिया। मुकेश ने आधा लंड शशी की चुत मे ठोक दिया एक ही झटके मे जिससे शशी की चीख निकल गयी दर्द से मगर आज कल ओर परसो जितना दर्द नही रहा था। तो मुकेश ने दूसरे झटके मे पूरा लंड चुत मे पैल दिया जिसके बाद शशी की चीख निकली मगर जोर की, 

मुकेश ने कहा – आराम से 

तो शशी ने कहा – तुम आराम से डाल देते 

तो, कहकर वो चुप हो गयी, एक मिनट बाद शशी गांड हिलाकर लंड को अंदर बाहर करने लगी। तो मुकेश ने झटके मारने चालु कर दिये मगर मुकेश आज गांड की सील खोलने की सोच चुका था कल रात को ही। मुकेश अब चुत को चोदते हुए ही गांड के छेद को थूक से भरने लगा। 

गांड मे बहुत सारा थूक डालने के बाद मुकेश ने अपनी एक उंगली को शशी की गांड के अंदर डाल दिया जिससे शशी चारपाई पर कोहनी के बल खडी होने लगी तो मुकेश ने कमर को दबा दिया दूसरे हाथ से ओर उंगली को जोर से अंदर बाहर करने लगा। 

शशी की गांड मै उंगली आराम से अंदर बाहर होने लगी तो गांड का छेद कुछ खुल गया जिसके बाद मुकेश रूक गया। तो शशी अब गांड मै लंड लेने की तैयार होने लगी तभी मुकेश ने गांड मे ओर थूक भर दिया ओर अब शशी की गांड मै दो उंगली डाल दी। शशी को इसबार कुछ ज्यादा दर्द हुआ मगर चुपचाप सह लिया। 

मुकेश फिर से शशी की चुत को चोदने लगा ओर गांड मे दो उगलिओ से शशी की गांड को थोडा चोडा करने लगा दस मिनट की चुदाई के बाद शशी चरम पर पहुंच गयी ओर खडी खडी मुकेश के लंड पर झड़ने लगी। 

तभी मुकेश रूक गया ओर शशी को चारपाई पर कुतिया बना लिया अपने दोनो हाथो से गांड को फैला दिया जिससे शशी की गांड का छेद मुकेश के सामने था मुकेश ने कामरस से गीले हुए चिकने लंड के सुपारे को गांड के छेद पर रख दिया ओर हल्का सा दवाब देकर लंड का सुपारा शशी की गांड मै उतार दिया। 

शशी की गांड मे दर्द होने लगा तो आगे हाथ डालकर कमर को पकड लिया मगर अभी शुरूआत थी। तभी मुकेश ने दूसरा झटका लगाकर आधा लंड गांड मै उतार दिया जिससे शशी की चीख निकल गयी मगर मुकेश ने तभी दूसरा झटका लगा दिया ओर पूरा लंड गांड मै फसा दिया। 

शशी की गांड मै मुकेश का मुसल लंड घुस चुका था शशी दर्द के मारे रोने लगी जोर से, 

मगर मुकेश लंड फंसाकर खडा रहा आराम से। शशी मुकेश से लंड बाहर निकालने का कहने लगी, मगर मुकेश टस से मस नही हुआ ओर शशी की चुचियो को दबाने लगा जोर से। 

उसको सब पता था की कब, क्या करना है, क्योकि उसने बहुत सी XXX Kahani की किताबे पढ़ ली थी। पांच मिनट के बाद शशी का दर्द कम हो गया ओर शशी की आंखो से आंसू निकलने भी बंद हो गये, तो मुकेश लंड को धीरे धीरे गांड के अंदर बाहर करने लगा, पांच मिनट बाद शशी की गांड मे मुकेश के मुसल लंड की जगह बन गयी ओर शशी भी गांड उठाकर झटके देने लगी। 

ये देखकर मुकेश अब जोर से गांड मे झटके मारने लगा ओर पांच मिनट के बाद शशी की गांड की गर्मी के कारण मुकेश अपने चरम पर पहुंच गया ओर अपना गर्म गर्म वीर्य शशी की गांड मे भर दिया। गांड मै वीर्य डलते ही शशी को आराम मिला मुकेश दो मिनट तक गांड मै लंड फंसाकर रखे रखा मुकेश के लंड निकालते ही शशी खडी हुई ओर कमर के बल सीधी होकर चारपाई पर लेट गयी। 

शशी की सांसे जोर जोर से चल रही थी तभी मुकेश भी शशी से चिपककर लेट गया चारपाई पर दोनो पांच मिनट तक बिलकुल खामोश होकर लेटे रहै, सर्दी होने के बाद भी पसीने से लथपथ होकर, 

शशी ने कहा – मुकेश तुम ने अपनी मर्जी की कर ली मैने मना कीया था फिर भी आज के बाद मे कभी नही मिलूगी तुम से! 

ये सुनते ही मुकेश के होश उड गये ओर शशी से माफी मांगने लगा ओर शशी के गालो को चुमते हुए सोरी सोरी कहने लगा 

तो शशी हसने लगी ओर कहने लगी – तुम जो किताब देकर गये थे वो देखते ही समझ गयी थी की आज गांड की सील भी तुम खोलने वाले हो! खैर, तुमने मेरी दोनो सील खोल ही दी! 

तो मुकेश ने कहा – मजा नही आया क्या शशी?! 

तो शशी ने कहा – मजा तो आया है मगर दर्द भी तो हो रहा है ना 

तो मुकेश ने कहा – दर्द रोज तो नही होगा एकबार तो होने ही था आज नही 

तो कल ओर शशी को कीस करने लगा, तभी मुकेश ने शशी को 69 मे उसके उपर आने को कहा, तो शशी तुरंत 69 मै आ गयी ओर बिना कहे ही मुकेश के लंड को चुसने लगी। 

तो मुकेश का सोया लंड फिर से अपने विशालकाय आकार मै आने लगा इधर मुकेश चुत को चाटकर शशी की चुदास को भडकाने मे लग गया। पांच के मिनट शशी के मुह मे मुकेश का लंड फसने लगा, 

तभी मुकेश ने शशी को कहा – आज तुम उपर बैठकर चुत मे लंड ले लो आराम से 

तो शशी घुमकर लंड पर बैठने लगी, मुकेश ने लंड को पकडकर शशी की चुत पर सेट कर दिया था जिससे शशी को कोई तकलीफ ना हो ओर शशी ने आराम से लंड को अपनी चुत मे ले लिया। 

चुत मे लंड जाते ही मुकेश गांड उठाकर चुत मै लंड ठोकने लगा शशी लंड के उपर बैठकर अपनी चुचियो को दबा रही थी ओर नीचे से मुकेश चुत को चोदने मे लगा रहा। दस मिनट की चुदाई के बाद शशी चरम पर पहुंच गई ओर बैठी बैठी ही मुकेश के लंड पर झड़ने लगी तभी मुकेश ने शशी को कुतिया बनने को कहा ओर शशी चारपाई पर एकबार कुतिया बनकर तैयार हो गयी। 

मुकेश अब घुटनो के बल शशी से चिपक गया ओर गांड पर थूकने लगा गांड मे थूक भरने के बाद मुकेश ने गांड को फैला दिया ओर गांड के छेद पर अपना गीला लंड रख दिया। मुकेश ने धीरे धीरे बडे प्यार से शशी की गांड मे पूरा लंड डाल दिया। शशी को दर्द हो रहा था मगर वो सह गयी तभी मुकेश ने गांड से लंड बाहर निकाल कर जोर का झटका मार दिया। 

जिससे शशी की चीख निकल गयी ओर कहने लगी – मुकेश अगर अब एकबार ओर ऐसा कीया तो मुझे सच मे भूल जाना 

मुकेश ये सुनकर धीरे धीरे गांड मारने लगा… 

पांच मिनट बाद शशी ने खुद ही कह दिया – आ आ अम्म अहह मुकेश जोर से चोदो ना क्या कर रहे हो… 

ये सुनते ही मुकेश ने लंड बाहर निकाला ओर एक झटके मे पूरा लंड गांड मे उतार दिया ओर इसके बाद मुकेश ने दस मिनट गांड फाड गांड चुदाई करी जिससे पूरा घर शशी की चीखो से गुजने लगा। 

दस मिनट बाद मुकेश ने एकबार शनी की गांड मे अपना गर्म गर्म वीर्य भर दिया जिससे शशी को राहत मिली आज दो राऊड करके मुकेश वैन लेकर चला गया ओर शशी नंगी ही चारपाई पर पडी रही शशी की गांड से बहकर मुकेश का वीर्य चारपाई पर बिछी चद्दर पर गिर गया ओर शशी अपनी गांड फडवाकर चैन की नीद सो गयी। 

दो बजे आकर मुकेश ने शशी को उठाया ओर शशी पेशाब करके आने के बाद कपडे पहनकर तैयार हो गयी मुकेश को गले लगाकर कीस करने के बाद मुकेश शशी को घर पर छोडकर आ गया। आज शशी अपनी गांड फडवाकर आ गयी थी ओर घर पहुंचकर शशी खाना खाकर सोने चली गयी। शशी की गांड मे सोजन आने से उसे बैठने मे भी तकलीफ हो रही थी।

खैर, जैसे तैसे रात निकली ओर अगले दिन शशी फिर से अपनी चुत ओर गांड फडाने के लिए मुकेश के घर चली गयी। चौथे दिन मुकेश ने फिर शशी के साथ दो बार सैक्स कीया ओर उसकी गांड ओर चुत को जमकर चोदा। पांचवे दिन भी मुकेश ने शशी की जमकर चुदाई करी जिससे शशी की गांड ओर चुत अब कभी भी कीसी से चुदने लायक हो गयी थी, मतलब शशी का चुदाई से होने वाला दर्द खत्म हो चुका था मगर मुकेश के घरवालो के आते ही शशी की चुदाई पर फुलस्टाप लग गया था।

अब फिर से वही दोनो वेन मे हाथ फेरकर किस करके ही टाइम पास करने लगे, दुबारा मोका मिलने का इंतज़ार करने लगे।

कहानी अभी जारी है, पढ़ते रहिये मेरी माँ की अन्तर्वासना की आत्म कथा को, और मिलते है अगले भाग में।

Writer – Rohit Kumar, [email protected]

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