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अंकल ने अपने भतीजे को चोदा

यह कहानी मेरी और मेरे पापा की एक दोस्त की है मैं आपको बताऊंगा कैसे मेरे पापा के दोस्त ने पहली बार मेरी गांड मारी, और मुझे बहुत ही मजा आ गया। मै बचांगा की कैसे अंकल ने अपने भतीजे को चोदा उसी के बर्थडे वाले दिन।

मेरा नाम अजय कुमार लुधियाना से बिलॉन्ग करता हूं मेरी एज 25 साल की है यह कहानी कुछ 5 साल पहले की है मेरा शरीर बहुत ही गोल मटोल है मेरे बूब्स एकदम लड़कियों की तरह है  मेरी गोल गोल गंड को देखकर किसी भी लड़के का  दिल फिसल जयेगा। 

मेरे घर में हम 4 लोग हैं मैं मम्मी और पापा  गवर्नमेंट जॉब करते हैं और मम्मी हाउसवाइफ है मेरी बहन का नाम  जिया  है वो M.A. फर्स्ट ईयर में कॉलेज में पढ़ती है। चलिए अब मेरी Gay Sex Kahani शरू करते है और प्लीज पूरी पढ़ना कहानी।

मेरे पापा के दोस्त का नाम गोविंद है उनका घर हमारे घर के साथ वाला ही है इसलिए वह हमारे घर पर अक्सर आया जाया करते थे जब भी वह हमारे घर पर आते थे वह मेरे और मेरी बहन के लिए कभी कुछ कभी कुछ देते थे  हमें पोकट मनी भी देते थे पहले तो मुझे इस बात की कुछ भी समझ नहीं थी कि वह मेरे लिए इतना क्यों करते हैं धीरे-धीरे जब कभी भी मैं उनके पास बैठता हूं तो वह मुझे टच करने के बहाने ढूंढते रहते हैं।

अंकल मेरे घर पर आए और मेरे लिए गिफ्ट लेकर आए मुझे बहुत ज्यादा अच्छे लगते थे उस दिन घर पर मैं और मम्मी ही थे  मम्मी को कोई काम पड़ गया और उनको घर से बाहर जाना पड़ा अब घर में केवल मैं और अंकल रह गए थे।

अंकल ने मुझे अपने पास बुलाया और मेरे चेह्रे को हाथ से महसूस करने लगे वह मेरे गालों को सेहला रहे थे मुझे कुछ अजीब सा फील हो रहा था।

उन्होंने कहा की अजय आज  कुछ स्पेशल गेम खेलते है।’

मैं- अरे वाह अंकल सच में आज कुछ नया खेल खेलते है।

उन्होंने मुझे अपने पास बेड पर बेठने को कहा और मुझे चॉकलेट दी। मैं उनके पास बैठकर चॉकलेट खाने लगा!

उन्होंने अपना हाथ मेरी जांघ पर रखा और हलके हलके जांघ सहलाने लगे मेने चॉकलेट पूरी ख़तम करदी और पूछा के अंकल कोन सा गेम खेलना है।

अंकल बोले- बस अभी खेलते है बेटे।

इतना कहकर उन्होंने मेरे हाथ पेंट के ऊपर से अपने लंड पर रख दिया और मेरे शरीर पर अपना हाथ सहलाने लगे और बोले ‘बेटा आज के खेल में तुझे बहुत मजा आएगा।’

मैं एक दम से अपना हाथ खीचना चाह पर उन्होंने काफी कस के पकड़ा था मेने कहा के अंकल ये सब गलत है लेकिन वो अपने लंड को मेरे हाथ से सहलाते रहे और फिर मुझे खड़ा किया और सारे कपडे उतार दिए।

मेरा शरीर एकदम से गोरा था और बहुत कम बाल थे। अंकल मुझे देखकर खुश हो गए और बोले।

अजय  क्या खूब माल है यार तू तो।। अगर तू लड़की होता तो मैं तुझसे शादी कर लेता।’

मेरे को ऐसे नंगा खड़े काफी शर्म आ रही थी। फिर अंकल ने मेरे लंड को सहलाने लगे। वो हल्का हल्का खड़ा होने लगा। मुझे अभी अच्छा लग रहा था।

फिर अंकल ने उसे मुह में ले लिया। मेरी तो आंखे बंद हो गयी। क्या मजा आ रहा था। अंकल उससे बहुत अच्छे से चूस रहे थे।

उसके बाद अंकल ने मुझे घुमने के लिए कहा और मेरे चुतड उनके सामने आ गए। मेरी गांड पर बिलकुल बाल नहीं थे।

अंकल हलके हलके गांड पर हाथ सहलाने लगे और फिर उन्होंने मुझे थोडा झुककर गांड के छेड़ पर उंगली फेरने लगे और हौले हौले एक उंगली को गांड में अन्दर डालने लगे।

मुझे सच में बहुत मजा आ रहा था। कुछ देर बाद अंकल ने अपने कपडे उतारे और अपना लंड मुझे सहलाने को कहा मेरे पहली बार लंड को हाथ में लिया!

उनका लंड काफी मोटा था और मेरे हाथ में नहीं आ रहा था अंकल ने मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए और फिर जीभ मेरे मुह में डाल दी। मेरी आँखे बंद थी और मैं बस मजा ले रहा था!

बीच बीच में अंकल मेरी निप्पल को भी दबा देते थे। उन्होंने मुझे अपना लंड चूसने को बोला पर मेने मना कर दिया और अंकल ने भी उसके बाद जोर नहीं दिया!

मैं अंकल के लंड को सहला रहा था और फिर अंकल ने मुझे नीचे बैठने को कहा और खुद अपना लंड सहलाने लगे!

उनकी स्पीड काफी तेज़ थी और उन्होंने अपना माल मेरे पेट और फेस पर गिरा दिया वह पड़े कपडे से मेरा फेस और पेट साफ़ करके उन्होंने मुझे फिर किस किया मेने  अंकल को  अभि  घर  जाने  के  लिये  कहा  क्योंकि मम्मी  के  आने  का  वक़्त  हो  गया  था।

उन्होंने मुझे चॉकलेट दी और ये बात किसी को ना बताने को कहा और अंकल अपने  घर  चले  गये 

मुझे अभी बाकी के खेल का इंतज़ार बेसब्री से था और उसके कुछ दिन बाद मेरे  जन्मदिन  पर  मुझे मौका मिला के घर में मैं बिलकुल अकेला था और घर पर 4-5 घंटे के लिए कोई आने वाला भी नहीं था।

मैं अंकल के घर पर उन्हें बुलाने गया और अंकल ने 5 मिनट तक आने को बोला।

में घर वापस आ गया।

थोड़ी देर में अंकल भी आ गए। उन्होंने आते ही मुझे किस करना शुरू कर दिया। फिर उन्होंने मुझे मेरी बहन के कपडे पहनने को बोला। मेने इंकार कर दिया तो अंकल ने कहा – की इस से ज्यादा मजा आता है।

फिर मैं मान गया! अब मानना तो था ही कयूको मुझे भी सोख था अपनी बहन के कपड़े पहनने का और में तो Antarvasna Stories भी खूब पढ़ता था और कामुक आनंद लेता था। 

वो मुझे उसके रूम में ले गए और उसकी अलमारी से उसकी ब्रा और पेंटी निकली और सूंघने लगे और पेंटी को चाटने लगे। फिर उन्होंने मुझे नंगा किया और ब्रा और पेंटी पहना दी।

फिर उन्होंने उसका एक सलवार सूट निकाला और वो भी मुझे पहना दिया। उन्होंने मुझे वही उसके बेड पर बैठाया और मेरे होंठ चूसने लगे, उनका एक हाथ मेरे शरीर पर हरकत कर रहा था।

कुछ देर बाद उन्होंने सूट उतारा और ब्रा के ऊपर से निप्पल्स सहलाने लगे। मुझे अच्छा लग रहा था उनका हाथ मेरे लंड को सहला रहा था। उन्होंने ब्रा उतारी और अपने सारे कपडे उतार कर मुझसे फिर किस करने लगे। उन्होंने एक हाथ से सलवार का नाडा खोल दिया और सलवार मेरे पैरो में थी।

उन्होंने पेंटी को मेरी जांघो तक खिंचा और मेरा लंड चूसने लगे उनकी एक उंगली मेरी गांड में अन्दर बाहर हो रही थी।

मेरी सिसकियाँ निकल रही थी। कुछ देर बाद उन्होंने मुझे अपना लंड पकड़ा दिया और सहलाने को बोले। मैं बड़े चाह से उनका लंड सहला रहा था और वो मेरी गांड को।

कुछ देर बाद जब उनका लंड पूरी तरह से सख्त हो चूका था तो उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और अपने लंड पर काफी थूक लगा कर उसका सुपदा मेरी गांड के छेड़ पर रख दिया।

उन्होंने मेरी कमर को पकड़ा और हौले हौले अपना लंड अन्दर पेलने लगे। मेरी आँखों के सामने अँधेरा आ गया और मेरी हालत ख़राब हो गयी थी। 

मेरी चीख निकल रही थी – आ अहह अम्म  उह्ह उह्ह्ह हाय

पर अंकल हौले हौले अपना सारा लंड मेरी चूत में पेल चुके थे।

फिर अंकल ने एकदम से अपना लंड बाहर निकला और फिर जोरदार धक्का लगाकर सारा लंड अन्दर घुसा दिया। मेने जोरदार चीख मारी पर अभी अंकल ने अपने लंड से हमले शुरू कर दिए थे। मेरी आँखों से आंसू निकल रहे थे।

तकरीबन 5 मिनट बाद अंकल बेड पर लेट गए और मुझे अपने ऊपर लिटा लिया। इस बार अंकल के धक्को से मुझे मजा आना शुरू हो गया था। मैं भी अंकल अंकल कर उनका लंड ले रहा था।

अब हम दोनों की सिसकियाँ मेरी बहन के कमरे में गूंज रही थी। अंकल लगातार मुझे पेल रहे थे और बीच बीच में मेरी जगह मेरी बहन जिया का नाम भी ले लेते और बोलते की किस्मत में बहन ना सही तो भाई से ही काम चलाना पड़ेगा।

उनकी स्पीड बहुत जबरदस्त थी और में थक रहा था, आ आ आ आ अहह अम्म। मेरी लुल्ली बिलकुल सिकुड़ सि गयी थी, आ आ अहह। अंकल ने मुझे खड़ा किया और भी 5-6 लम्बे लम्बे किस्से मेरे लंड पर जड़ दिया।

फिर उन्होंने मुझे वहा पड़े टेबल पर लिटा दिया और अपना लंड मेरी गांड में पेल दिया। इस बार 10-12 धक्को के बाद अंकल मुझे कस कर पकड़ लिया और अपना गर्म गर्म माल मेरी गांड में ही चोद दिया।

उन्होंने अपना लंड अन्दर ही बिलकुल निचोड़ दिए और फिर बाहर निकाला और मुझे खड़ा किया। उनका माल मेरी गांड से हौले हौले बाहर आ रहा था।

फिर उन्होंने मेरी बहन के रूम में ही नहाये और मुझे भी नहलाया और जल्दी मिलने का वादा करके एक किस किया और चले गए। मुझसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था और मैं थक चूका था।

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3 Comments

  1. Hello, ye t bahut hi galat baat hai ki us uncle ne apni bhatije ke sath ese kiya but us gadhe ko bhi bahut maza rha tha or hame bhi padne me maza hi a rha tha nice gay story.

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