वर्जिन गांडू की सेक्स कहानी
राकेश की गांड मे शाम होते ही खुजली होने लगी तो वो फिर नीरज के कमरे मे पहुंच गया ओर आज उसने जाते नीरज को गले लगा लिया ओर दोनो एक दूसरे से लिपटकर एक दूसरे को चुमने लगे। मंगलसिह ने एक पार्किंग मे गाडी लगा दी आखिर मे ओर पिछे की सीट पर उसने राकेश को कुतिया स्टाइल मे झुका लिया… चलिए पढ़ते है वर्जिन गांडू की सेक्स कहानी एक फर्स्ट टाइम सेक्स की दास्ताँ।
राकेश कुमार जो दिल्ली का रहने वाला है जिसकी उम्र 25 साल की है। ये गांडू सेक्स स्टोरी शुरू होती है राकेश के स्कूल से जब राकेश की उम्र 19 की थी ओर वो बारवी क्लास मे था। राकेश एक बडे परिवार का लडका था तो उसे स्कूल छोडने ओर स्कूल से लाने की जिम्मेदारी उनके घरेलू ड्राइवर मंगलसिह की थी वो उसे सही समय से लेकर आता ओर जाता था।
राकेश को तभी गलत संगत मे रहने के कारण सिगरेट पीने की लत लग गयी ओर वो चोरी छुपे सिगरेट पीने जाता था। अपने दोस्तो के साथ जैसे की इस उम्र मे उसके साथ वाले बच्चे सिगरेट वगैरह तो पीते नही थे। इसलिए उसकी दोस्ती बडे उम्र के लडको के साथ हो गयी जैसे की राकेश बडे घर का बिगड़ा हुआ लडका था ही मगर साथ ही वो कीसी लडकी की तरह खुबसूरत भी था।
दूध जैसा गोरा रंग लाल होठ ओर बडी बडी गांड जिससे वो बडे लडको की नजरो मे चढा हुआ था जिनकी गर्लफ्रेंड नही होती वो लडको से ही काम चला लेते है। फिर यही राकेश के साथ राकेश जब सिगरेट पीने जाता तो लडके उसकी पप्पी ले लेते गांड दबा देते या चुचिचा दबाते।
धीरे धीरे सिर्फ सिगरेट की लत के कारण राकेश को भी इन सब मे मजा आने लगा ओर उसे भी अब ये करने मे मजा आता था ये क्रम बढता गया ओर लडको की हरकते भी बढने लगी। कुछ लडके राकेश को अपना लंड पकडवाने लगे तो कुछ लडके उसे अपना लंड दिखाते ओर उसे चुसने का मुठ मारने का कहने लगे।
मगर राकेश मना करता रहा,
एक दिन जब राकेश सिगरेट पीने गया तो रूम मे सिर्फ एक ही लडका था जो 24 की उम्र का ही था। सिगरेट पीते पीते उसके राकेश के हाथ को पकडकर अपने कच्छे मे डाल दिया। तो राकेश ने हाथ खींचकर बाहर निकाल लिया,
तो उसने राकेश से कहा – मेरा दोस्त नही है क्या तू इतना ही नही कर सकता क्या मै तेरी गांड तो नही मार रहा हू ना यहा तो सब रात को मेरी गांड भी मारते है मैने कभी मना नही कीया।
ये सुनकर राकेश ने कहा – मुझे नही पसंद है ये सब
तो उसने कहा – मुझे भी नही पसंद था पहले मगर अब गांड मरवाने मे बहुत मजा आता है कसम से
ओर फिर उसने राकेश के लंड को पकड लिया, पेन्ट के उपर से राकेश की आंखे बंद हो गयी तो उसने राकेश की पेन्ट को खोलकर उसके लंड को पकड लिया ओर सहलाने लगा। राकेश का ये पहला ही अनुभव था, तो वो भी रोमांचित हो उठा।
तभी उसने राकेश के सामने अपनी पेन्ट खोलकर राकेश को अपना खडा लंड दिखा दिया ओर राकेश ने बिना संकोच कीया उसका लंड पकड लिया। राकेश के कोमल हाथ मे उसका लंड आ चुका था ओर राकेश उसके लंड को काफी देर तक हिलाता रहा।
तो उसने कहा – यार अपने मुह मे भी लेकर देख बहुत मजा आएगा
ये सुनकर राकेश ने मना कीया
तो वो बोला – भाई सिर्फ एकबार मैने भी तो तेरा हिलाया ना तेरा भी मुह मे ले लूगा बाद मै
तो राकेश उसकी बातों मै आ गया ओर उसका लंड मुह मे ले लिया, चुसने लगा, तो कुछ देर ही उस लडके ने राकेश के सिर को पकडकर उस के मुह मे अपना वीर्य भर दिया। सिर पकडा होने के कारण राकेश उसका वीर्य पी गया मगर उसे उल्टी आने लगी।
तो वो भागकर बाथरूम मे चला गया ओर फिर नाराज होकर वहा से घर आ गया। राकेश ने अब कमरे पर जाना बंद कर दिया था इस घटना के बाद दो तीन महीने बाद राकेश को नीरज मिला नीरज वही लडका था।
तो उसने राकेश को कहा – क्या हुआ राकेश नाराज है आजकल तू आता नही कमरे पर
तो राकेश ने कहा – नही नीरज बस यू ही यार
तो नीरज बोला – मैने कमरा बदल लिया है आजकल मे अकेला ही रहता हू तेरा मन करे तो आ जाना उस कमरे के बगल वाले घर मे ही तीसरी मंजिल पर हम दोनो ही होगे
पर ओर उसने हंसकर राकेश की तरफ आख मार दी ओर चला गया। राकेश घर आकर खाना खाकर सो गया ओर फिर रात को राकेश को नीरज की बातो ने बैचेन कर दिया। उसका मन नीरज का लंड चुसने का करने लगा ओर उसकी बंद आंखो मे नीरज का लंड रह रहकर दिखाई देने लगा।
तो राकेश का लंड भी खडा हो गया था खैर कुछ दिनो बाद राकेश के पेपर हुए ओर पेपर के बाद राकेश 11 मे हो गया। अच्छे नबर आने पर राकेश को घर से कुछ ओर रियायतो के साथ खर्चा भी बढ गया था जिससे राकेश के पास पैसे होते ओर वो अपने दोस्तो पर खर्च कर देता था।
मगर सिगरेट की लत राकेश की कमजोरी थी जो बढती जा रही थी राकेश को सिगरेट पीते देखकर कई लोगो ने उसके घर पर भी बता दिया। जिससे राकेश को खर्चा कम मिलने लगा ओर डांट भी खानी पडी तो राकेश सिगरेट की तलब के चलते नीरज के कमरे पहुंच गया।
तो नीरज ने उसे दो सिगरेट पिलाई चाय पिलाई तो राकेश फिर से कमरे मे जाने लगा इसतरह तीन चार महीने निकल गये ओर सर्दीया आ गयी। एक दिन शाम को राकेश सिगरेट पीने नीरज के कमरे मे गया तो नीरज रजाई मे बैठा मोबाइल पर पोर्न देख रहा था और Antarvasna Stories भी पढ़ रहा था। तो उसने मोबाइल राकेश के सामने कर दिया राकेश ने पहली बार पोर्न देखी थी, पोर्न देखकर राकेश के चेहरे पर पसीना आ गया ओर उसका लंड भी खडा हो गया।
तो नीरज का हाथ कुछ देर बाद उसके लंड पर चला गया ओर उसे सहलाने लगा राकेश इतना उत्तेजित हुआ की उसका माल बाहर निकलने को हो गया। तो उसने नीरज को कहा नीरज छोड दे यार मेरा पेशाब निकल रहा है तो नीरज ने रजाई उठी दी ओर पेन्ट खोलकर उसका लंड तेजी से हिलाने लगा। तो राकेश का दूध उसके लंड से निकलने लगा,
राकेश ने कहा – नीरज ये पेशाब की जगह दूध कैसे आ गया?!
तो नीरज ने कहा – राकेश ये ही दूध तो तूने पीया था भाई उस दिन इस दूध से ही बच्चे पैदा होते है ओर गांड मे दूध गिरावाने से बहुत सुकुन मिलता
ओर राकेश की गांड को दबाने लगा ओर चुमने लगा तो राकेश ने पेन्ट पहन ली ओर घर आ गया। मगर आज की घटना से राकेश बदल गया उसे आज बहुत आनंद आया ओर आज रात को उसने दो बार ये सब सोचकर बाथरूम जाकर अपना माल गिराया।
अगले दिन,
राकेश समय से ही नीरज के कमरे पर चला गया ओर नीरज रजाई मे ही बैठा मोबाइल देख रहा था। राकेश भी उसके पास जाकर चिपक गया तो नीरज ने मोबाइल राकेश के सामने कर दिया राकेश भी पोर्न देखकर उत्तेजित होने लगा। तो राकेश उसके लंड को सहलाने लगा ओर उसके बदन को सहलाने लगा नीरज ने राकेश को पेन्ट खोलकर रजाई मे बैठने को कहा तो राकेश ने पेन्ट उतार दी ओर नीरज भी अपनी पेन्ट खोलकर रजाई मे घुस गया।
नीरज ने राकेश के हाथ मे अपना लंड पकाडा दिया तो राकेश मस्ती से नीरज की मुठी मारने लगा!
तो नीरज ने कहा – राकेश मजा आ रहा है
तो राकेश ने आज हा भर दी तभी राकेश से उसने मोबाइल लेकर बंद कर दिया।
तो राकेश ने पूछा – क्या हुआ अरे मै तुम्हे आज पूरे मजे देता है ओर उसके गालो को चुमने लगा
ओर राकेश को बेड पर लेटा लिया। नीरज उसके उपर लेटकर उसके गालो को चुमने लगा ओर उसकी शर्ट को ऊपर कर के गोरी छाती पर लाल निपलो को चुसने लगा। तो राकेश को भी मजा आने लगा कूछ देर बाद नीरज ने राकेश को उल्टा लेटने को कहा तो राकेश बिना कुछ कहे उल्टा होकर लेट गया।
तो नीरज उसकी बडी गांड को प्यार से चाटने लगा तो राकेश भी अब गांड मरवाने को तैयार हो गया था तभी नीरज राकेश की जाघो पर बैठ गया ओर राकेश की गांड के लाल छेद थूककर अपनी उगली घुसाने लगा। उगली घुसते ही राकेश चिहुक उठा मगर ज्यादा दर्द नही होने के कारण उसे उगली से मजा मिलने लगा। नीरज ने अब अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगा लिया,
ओर राकेश को कहा वो अपनी गांड को फैला ले।
तो राकेश ने कहा – क्या कर रहा??
तो नीरज बोला – मजा लेना है तो जैसा जैसा कहता हू करता रह
ओर ये सुनकर राकेश ने अपने हाथो से अपनी गांड फैला दी, तो नीरज के डेढ़ इची मोटे ओर पाच इच लंबे लंड को राकेश की गांड पर टिका दिया ओर एक झटके मे तना हुआ लंड आधे से ज्यादा लंड उसकी गांड मे घुस गया था। राकेश ने अपनी गांड को बिलकुल ढीला कर रखा था तो नीरज को कोई दिक्कत नही हुई। तभी राकेश के गांड मे नीरज ने पूरा लंड घुसा दिया। तो राकेश दर्द से बिलबिलाने लगा राकेश की आंखो मे आंसू आ गये मगर नीरज के ताबडतोड झटके खाकर वो दो मिनट मे सहने लगा।
तो उसे मजा आने लगा ओर पाच मिनट के बाद ही नीरज की गांड मे अपना माल भर दिया तो उसका दर्द गायब हो गया। दो मिनट के बाद नीरज ने अपना लंड गांड से बाहर निकाल लिया तो उसने देखा राकेश के माल से चद्दर भी गीली हो चुकी है। राकेश कपडे पहनकर घर चला गया उसकी गांड मे हल्का हल्का दर्द हो रहा था।
अगले दिन, राकेश की गांड मे शाम होते ही खुजली होने लगी तो वो फिर नीरज के कमरे मे पहुंच गया ओर आज उसने जाते नीरज को गले लगा लिया ओर दोनो एक दूसरे से लिपटकर एक दूसरे को चुमने लगे ओर देखते ही देखते दोनो निर्वस्त्र होकर बेड पर पहुंच गये। ओर नीरज राकेश के गोरे बदन को काटने लगा ओर राकेश उत्तेजित होकर नीरज का साथ देने लगा पांच मिनट के नीरज ने मुझे घुमने को कहा तो मै उल्टा होकर लेट गया ओर वो फिर से मेरी गांड को काटने के साथ चाटने लगा।
तो राकेश की हालात खराब होने लगी ओर राकेश ने कहा – नीरज डाल दे यार!!
तो नीरज से कहा – डाल दे यार!!
तो नीरज बोला – रूक जा मन करता है तेरी गांड को चाटता रहू
तो राकेश ने कहा – कल चाट लेना यार एक बार डाल दे
तो नीरज ने कहा – चल गांड को फैला ले
राकेश ने दोनो हाथो से गांड फैलाकर ढीली छोड दी, तो नीरज ने आज बिना थुक लगाये राकेश की गांड मे सूखा लंड ठोक दिया।
तो राकेश ने कहा – बाहर निकाल नीरज बहुत दर्द हो रहा है आज… नीरज बाहर निकाल ले…
तो नीरज ने बाहर निकाल लिया क्योकि वो राकेश को नाराज नही करना चाहता था ओर फिर बहुत सारा थूक लगाकर उसकी गांड पर थुक लगाने लगा ओर इसबार नीरज ने आराम से राकेश की गांड मे पूरा लंड उतार दिया। तो दो मिनट मे ही राकेश का दर्द खत्म हो गया ओर वो मजे से गांड मरवाने लगा। दस मिनट के बाद नीरज ने उसकी गांड मे माल गिराकर राकेश की गांड की खुजली मिटा दी।
तो राकेश घर आ गया। मगर अगले दिन ही स्कूल ओर कॉलेज की हफ्ते की छुटी हो गयी तो नीरज शाम से पहले ही घर चला गया। मगर राकेश की गांड की खुजली बढने लगी रातभर राकेश नीरज के बारे मे सोचता रहा दो दिन मै ही राकेश की गांड की खुजली से परेशान हो उठा था।
तभी राकेश की गांड फटने का दिन आ गया 25 दिसंबर को जब राकेश अपने दोस्तो के साथ पार्टी करने गया तो आते वक्त बहुत लेट हो गया ओर घरवालो का फोन आया तो उसने थोडा टाइम ओर मांग लिया। कुछ देर बाद जब वो अपनी गाडी मे आकर बैठा तो उसकी गांड मे फिर से खुजली शुरू हो गयी ओर उसने अब अपनी गांड की खुजली अपने ड्राइवर से मिटवाने की सोची,
ओर मंगलसिह को पूछा – मंगलसिह तुम्हारी शादी हो गयी??
तो उसने कहा – नही हुई!
तो राकेश ने कहा – मन नही करता?
तो मंगलसिह ने कहा – करता है मगर क्या करे!
तो राकेश का हाथ उसकी जाघ पर चला गया ओर राकेश का हाथ अब अपने ड्राइवर के लंड पर पहुंच गया। पहले तो मंगलसिह ने उसका हाथ हटा दिया मगर जब राकेश ने दोबारा हाथ रखा तो मंगलसिह भी बह गया,
ओर कहने लगा – राकेश ये ठीक नही है!
तो राकेश ने कहा – सब ठीक है!
तो उसने कहा – कीसी को पता चल गया तो मेरि नोकरी चली जाएगी!
तो राकेश ने कहा – अगर तुम नही कहोगे तो मै भी नही कहूगा
ये सुनकर मंगलसिह बोला – तुम छोटे मालिक हो अभी ये ठीक नही है!
तो राकेश ने कहा – अब ये बकवास बंद भी करो जब मै तैयार हू तो या नही करना तो साफ साफ कह दो!
ये सुनकर मंगलसिह ने कहा – चलो ठीक है फिर जो तुम चाहो राकेश!
ओर मंगलसिह ने अपनी पेन्ट के हुक को खोल दिया तो राकेश के हाथ लगते ही मंगलसिह का लंड अपने असली रूपए आ गया जो की नीरज के लंड से बहुत बडा था। तीन इच मोटा ओर छ इच लंबा लंड देखकर राकेश की उत्तेजना बढती जा रही थी, मगर मंगलसिह डर रहा था कही कुछ गडबड ना हो जाए।
तभी राकेश ने कहा – कही गाडी रोककर कर लेते है
तो मंगलसिह ने एक पार्किंग मे गाडी लगा दी आखिर मे ओर पिछे की सीट पर उसने राकेश को कुतिया स्टाइल मे झुका लिया ओर उसकी गांड मे अपना मोटा लंड थूक लगाकर घुसाने लगा। मगर उसकी गांड मे तो सिर्फ उगली ही आराम से जाने लायक थी ना की इतना बडा लंड!
तभी मंगलसिह ने कहा – राकेश भैया बहुत दर्द होगा तुम्हे रहने देते है
तो राकेश ने कहा – गांड मारने भी दर्द हो रहा है क्या तुम्हे
ये सुनकर मंगलसिह ने राकेश को गांड फैलाने को कहा ओर उसकी गांड के छेद पर टोपा रखकर एक झटका लगाया, तो राकेश निकलकर भागने लगा, मगर अब बहुत लेट हो चुकी थी, उसने राकेश को बहुत कस के पकड रखा था ओर लग्जरी गाडी मे राकेश की चीख दबकर रह गयी थी।
तभी मंगलसिह ने राकेश की गांड मे अपने लंड का दूसरा झटका लगा दिया तो राकेश ने छुडाने के लिए पूरी ताकत लगा दी। मगर कुछ नही हुआ उल्टा उसका सर फाटक मे भीड गया ओर उसके सर मे भी चोट आ गयी। तभी मंगलसिह ने राकेश की गांड फाडकर रख दी ओर अब पूरा मूसल लंड राकेश की गांड मे पूरा घुस चुका था ओर राकेश लगातार चीख रहा था ओर राकेश की आंखो से लगातर आंसू बह रहै थे।
पांच मिनट तक राकेश दर्द से चिखता ओर रोता रहा, मगर मंगलसिह उसकी गांड मे लंड घुसेड कर उससे चिपकाकर रखा। उसकी कमर को अपने हाथो से कसकर अब मंगलसिह ने राकेश की गांड से परा लंड बाहर निकाला। तो राकेश को लगा जैसा कोई छुरा उसकी गांड से बाहर निकाल लिया है मगर राकेश की ये गलतफहमी थी ओर तभी राकेश की ये गलतफहमी निकल मंगलसिह ने दो झटको मे मंगलसिह ने पूरा लंड राकेश की गांड मे घुसा दिया।
तो राकेश फिर से चीख उठा ओर अब मंगलसिह जोर से राकेश की गांड मे लंड के झटके मारने लगा ओर आखिरकार दस मिनट के बाद मंगलसिह ने लंड ने उसकी गांड मे माल छोडा। तो राकेश को कुछ राहत मिली तो उसने लाइट जलाकर देखी तो मंगलसिह के लंड पर उसकी फटी गांड का खून चमक रहा था। तो वही मंगलसिह भी एक लोडिया जैसे लडकै की गांड फाडकर बहुत खुश लग रहा था।
ओर मंगलसिह अपनी पेन्ट पहनकर ड्राइवर सीट पर आकर बैठ गया तो वही राकेश ने पेन्ट पहन ली ओर वही लेट गया। कुछ देर बाद जब घर पहुंचे तो राकेश अपने कमरे मे जाकर लेट गया मंगलसिह के माल से उसकी पेन्ट पर भी दाग लग गया था ओर राकेश की गांड भी सूज गयी थी।
अगले दिन, जब राकेश उठा तो उसकी गांड बहुत दर्द कर रही थी इसलिए वो पूरे दिन नींद का बहाना कर के अपने कमरे मे लेटा रहा रजाई मे उधर मंगलसिह की भी डर के मारे गांड फट रही थी। तो वो भी पूरा दिन डरा हुआ गाडी मे ही बैठा रहा। दो दिन गांड का दर्द खत्म हुआ तो राकेश की गांड मे फिर से खुजली शुरू हो गयी ओर वो रात मे मंगलसिह के कमरे मे पहुंच गया।
उसे देखकर मंगलसिह ने कहा – राकेश ठीक तो हो दिखे नही दो दिन से
तो राकेश ने कहा – गांड फाडकर अब पूछ रहै हो ठीक है
तो मंगलसिह ने कहा – राकेश एक बार फटती है तो दर्द तो होता है अब नही होगा
तो राकेश बोला – हुआ तो??
मंगलसिह ने राकेश दो चार बार होगा बस, फिर जिंदगी मे ही नही होगा चाहे इससे बडे बडे ले लेना!
तो राकेश ने – मेरी तो हालात इससे ही खराब हो गयी ओर बडा होता तो मर जाता
ये सुनकर मंगलसिह ने कहा – चलो फिर नही करेगे अब मैने पहले ही मना कीया था
तो राकेश ने कहा – अब गांड की खुजली कोन मिटाएगा तब तो नही रूके अब मना कर रहै हो
ये सुनते ही मंगलसिह ने राकेश को गले लगा लिया ओर राकेश भी मंगलसिह के गले लग गया। देखते ही देखते दोनो नंगे हो गये आज राकेश ने मंगलसिह के मूसल लंड को पकडकर देखा गोर से,
और कहा – इससे से अच्छे अच्छो की गांड फट जाए ये लंड नही कोई पाइप लगा रही
तो मंगलसिह ने कहा – डरो मत अब उतना दर्द नही होगा
तो राकेश ने नीचे बैठकर मंगलसिह का लंड मुह मे भर लिया मगर इतना मोटा लंड तो राकेश के मुह मे भी नही जा रहा था ओर पाच मिनट मे ही राकेश का मुह दर्द करने लगा तो वो दिवान बैड पर लेट गया
तो मंगलसिह ने कहा – राकेश उसी तरह कोहनी के बल झुक जाओ
तो राकेश कुता बनकर तैयार हो गया ओर मंगलसिह ने राकेश की कमर को कसकर पकड लिया ओर अपना गीला लंड राकेश की गांड मे उतारने लगा आधे लंड जाते ही राकेश की हालात खराब होने लगी। तो छोडने का कहने लगा मगर मंगलसिह ने उसके मुह परहाथ रखकर एक झटके मे बाकी बचा आधा लंड उतार दिया ओर राकेश का दर्द मुह की जगह आंखो से बाहर टपकने लगा। मगर दो मिनट के बाद राकेश कुछ सामान्य हुआ तो मंगलसिह ने अपना हाथ हटा लिया।
तो राकेश ने – मारकर चीखने भी नही देते
तो मंगलसिह बोला – कल इतना दर्द भी नही होगा
ओर धीरे धीरे झटके मारकर राकेश की गांड की खुजली मिटाते लगा तो पांच सात मिनट के बाद अब राकेश अपनी गांड को मंगलसिह के लंड पर पटकने लगा। तो मंगलसिह राकेश की मुलायम गांड को अपने हाथो से दबाकर उसकी गांड फाडने लगा। दस मिनट के बाद मंगलसिह राकेश की गांड मे झडने लगा तो राकेश को बहुत आराम मिला ओर फिर राकेश ने बाथरूम जाकर उसकी गांड से निकल रहे माल को अपनी उगलियो पर लगाकर चाटने लगा ओर बाहर आकर कपडे पहनकर अपने कमरे मे चला गया।
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इस तरह मंगलसिह से गांड फडवाकर राकेश पक्का गांडू बन गया ओर इसके बाद से अब तक सेकडो लोगो से गांड मरवा चुका है बस मे ट्रेन मे होटलो मे अब राकेश कंडोम के पैकेट साथ लेकर ही चलता है पैसे देकर अपनी गांड की खुजली मिटवाकर मजे कर रहा है।
दोस्तो तो ये थी मेरे एक गांडू पाठक की कहानी अगर आपका रिस्पांस अच्छा रहा ओर आपने माग की तो इसका एक भाग ओर लिखने की कोशिश करूगा।
दोस्तो ये कहानी मेरे पाठक राकेश के अनुरोध पर लिखने जा रहा हू।
जैसा की आप सब मेरी खुद की मा की आत्मकथा पढ रहै ओर आपके मेल से मुझे हौसला भी मिलता है इसलिए आपसे निवेदन है अगर कहानी मे कोई हो या अच्छी लगी हो तो कृप्या कमेन्ट ही करने की कोशिश ना की मेल करने की आपके कमेन्ट का रिप्लाई मै जरूर करूगा।
अगर कोई पाठक अपनी हिंदी सेक्स कहानी लिखवाना चाहता है तो अपना नाम ओर अपनी आपबीती मुझे मेल कर सकता है आपके लिए इतना जरूर करूगा मै मुझे भी अच्छा लगता है कोई अपनी अंतरगी बाते शेयर करे या किस्सा हो जिसे वो शेयर करना चाहता हो मगर लिख नही पाता हो तो आपकी मै सहायता करूगा जरूर।
आप ओर हम जितने भी यहा पढने वाले है उनकी जरूर कोई चाहत या कोई किस्सा होगा जिसे वो शेयर करना चाहते होगे मगर पहचान ओर अन्य कारण से नही कर पाते है तो निश्चित होकर मुझे मेल करे ना आपसे आपकी कोई पहचान मांगी जाएगी ओर ना ही आपसे आपसे आपका नबर मांगा जाएगा।
मैने मेरी बीबी वर्जिन नही थी एक महिला के कहने पर लिखी थी जिसका अगला भाग भी जल्द आने वाला है इसलिए अगर कोई महिला पाठक भी अपनी आपबीती की कहानी लिखवाना चाहती है तो बेफ्रिक होकर मेल करे मुझे, आपका रोहित।
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